कानपुर: गैंगस्टर विकास दूबे एनकाउंटर के बाद एक बार फिर उत्तर प्रदेश का कानपुर सुर्खियों में हैं। कानपुर में 22 जून को लैब असिस्टेंट संजीत यादव का अपहरण कर लिया गया था जिसके बाद अब उसकी हत्या की बात सामने आई है। हत्या की खबर सुनने के बाद परिवार में कोहराम मच गया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के कानपुर में 22 जून को युवक का अपहरण किया गया था। जिसके बाद पुलिस के भरोसे पर परिवार ने गहने-जेवर बेचकर 30 लाख की फिरौती का जुगाड़ किया और अपहरणकर्ताओं को 30 लाख की फिरौती भी दे दी, लेकिन पुलिस अपहरणकर्ताओं के चंगुल से संजीत को बचा पाने में कामयाब नहीं हुई। मामले में मृतक के परिजनों ने पुलिस की लापरवाही के चलते संजीत की हत्या होने का आरोप लगाया है।
पुलिस पर लगे लापरवाही के आरोप के चलते पुलिस ने थाना इंचार्ज रणजीत राय के बाद चौकी इंजार्च को भी निलंबित कर दिया है। इस मामले में हैरानी की बात ये है कि कानपुर पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को फिरौती की रकम देने की बात से इनकार किया है। जबकि परिवार का दावा है कि 30 लाख फिरौती दी गई। वहीं, कानपुर पुलिस के मुताबिक अपहरण की साजिश में संजीत यादव के ही कुछ दोस्त शामिल थे। 22 जून को संजीत का अपहरण हुआ था। पुलिस ने 2 युवकों को हिरासत में लिया तो उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने संजीत की हत्या कर शव को पांडू नदी में फेंक दिया था। फिलहाल गोताखर शव की तलाश कर रहे हैं।
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संवाद365/डेस्क