कौशांबीः भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया अस्पताल… ऐसे होती है आपके पैंसे की बर्बादी

September 16, 2019 | samvaad365

कौशांबी: यूपी में विकास के दावों की एक बदरंग तस्वीर कौशाम्बी जिले की है. जिसमे करोड़ों की लागत से बना एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मरीजों के इलाज से पहले ही बदहाल हालत में पहुंच गया है. नेवादा ब्लाक के कनैली में बना यह अस्पताल गरीब लोगों की जरुरत को देखते हुए बनाया गया था. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अस्पताल से एक दिन भी मरीज को दवा मिलना तो दूर.  अस्पताल आज भी स्वास्थ्य महकमे को हैंडओवर तक नहीं हो सका.

बसपा सरकार में साल 2012 में तत्कालीन बसपा नेता और खेल मंत्री आरके चौधरी के अथक प्रयासों के बाद शासन से स्वकृति मिली थी. लेकिन प्रदेश में 2013 में सपा सरकार के आने के बाद इसका काम शुरू कराया गया 30 बेड का यह अस्पताल एक साल बाद सितम्बर 2014 में तैयार हुआ.  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कनैली के भवन को तैयार करने का जिम्मा जल निगम की निर्माण शाखा सीएनडीएस को दिया गया. तकरीबन एक साल की मेहनत के बाद भवन बन कर तैयार हो गया.

निर्माण करने वाली संस्था को तीन किस्तों में डेढ़ करोड़ की धन राशि अवमुक्त की गई.  भवन तैयार होने के साथ ही कार्यदाई संस्था और स्वास्थ्य महकमे के अफसरों ने इसके निर्माण में घटिया सामग्री के प्रयोग को लेकर जुबानी और कागजी जंग शुरू हो गई. जिसका नतीजा यह है कि आज भी यह करोडो की लागत से बना यह अस्पताल अपनी किस्मत पर आंसू बहा रहा है. न्यू पीएचसी कनैली के नाम से बन कर तैयार हुयी इस बिल्डिंग को जब स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को सौपने की तैयारी की गई.

हैण्ड ओवर से पहले स्वास्थ्य महकमे के अफसरों ने निरिक्षण किया तो भवन निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री के प्रयोग की बात सामने आई. जिस पर स्वास्थ्य महकमे के तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी  ने न्यू पीएचसी के भवन की गुणवत्ता को मानक अनुरूप होने पर ही टेक ओवर करने की बात कह अस्पताल शुरू करने से ही मना कर दिया. मुख्य चिकित्साधिकारी पीएन चतुर्वेदी बताते है कि इस अस्पताल को बनाने में दीवारों का प्लास्टर जमीन और छत का निर्माण बेहद घटिया सीमेंट का इस्तेमाल हुआ है. जिससे बिल्डिंग विभाग को हैंडओवर नहीं हो सकी.

(संवाद 365/ नितिन अग्रहारी)

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