कौशांबीः प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार कैसे हो रहा… यहां पढ़िए 

September 15, 2019 | samvaad365

कौशांबी: गरीबों को मकान मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना ड्रीम प्रोजेक्टी लांच किया था, जिसे हम प्रधानमंत्री आवास योजना के तौर पर जानते हैं. लेकिन तमाम सरकारी योजनाओं की तरह इस योजना में भी भ्रष्टाचार का दीमक लग चुका है.

ताज़ा मामला प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशांबी से सामने आया है, जहाँ लाभार्थियों ने भ्रष्टाचार का खुलासा किया तो बीजेपी विधायक और परियोजना अधिकारी डूडा एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए आमने सामने आ गए.

क्या हुआ था

कौशांबी के भरवारी नगर पालिका परिषद के गरीब लाभार्थियों ने पीएम आवास योजना के नाम पर बिचौलियों पर अवैध तरीके से धन उगाही करने का आरोप लगाया है. लाभार्थियों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर रूपचन्द्र और फूलचंद्र नाम के लोगो ने पहले तो आवास के फार्म दिलाने के नाम पर दो-दो हजार रुपये और फिर पहली क़िस्त आने पर नौ.नौ हजार रुपये की उनसे अवैध वसूली की है. लाभार्थियों ने अपना यह बयान डीएम मनीष कुमार वर्मा और बीजेपी विधायक संजय गुप्ता के सामने निडर होकर दिया है.

4 सर्वेयरों पर मामला दर्ज

पीएम आवास योजना में धांधली के आरोप के बाद हरकत में आये भरवारी नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी गिरीश चंद्र ने डूडा विभाग के 4 सर्वेयर ज्ञानेंद्र प्रताप, धीरेन्द्र प्रताप, सत्यम पाल व चन्द्रसेन के खिलाफ बृहस्पतिवार को आईपीसी की धारा 420 के तहत कोखराज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है.

अधिशासी अधिकारी के मुताबिक इन पर लाभार्थियो का आरोप है कि इन लोगो ने बिचौलियों की मदद से पात्र लोगो को अपात्र और अपात्रो को पात्र बनाने के नाम पर अवैध धन की उगाही की है. जांच के दौरान तीन अन्य बिचौलियो के भी नाम प्रकाश में आये है. जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को तहरीर दी गई है.

अपने कर्मचारियों के पक्ष में परियोजना अधिकारी

केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी पीएम आवास योजना में हुए व्यापक भ्रष्टाचार के इस खेल में डूडा के संविदा कर्मियों पर एफआईआर दर्ज होने के बाद अब परियोजना अधिकारी डूडा सुधाकान्त मिश्रा अपने संविदा कर्मियों के बचाव में उतर आये है. परियोजना अधिकारी सुधाकान्त के मुताबिक उनके संविदा कर्मी भरवारी नगर पालिका जांच करने गए थे. तभी बीजेपी विधायक ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया और पूंछ-तांछ के बाद उन्हें भरवारी चौकी पुलिस को सौप दिया. उन्होंने कहा बीजेपी विधायक द्वारा लगाए गए सारे आरोप निराधार है. अवैध धन उगाही के इस खेल में बीजेपी विधायक के गृह नगर भरवारी के लोग ही शामिल है.

कौशांबी में पीएम आवास योजना के लाभार्थियों की बात की जाए तो तकरीबन 5548 स्वीकृत आवासों की संख्या है. जिसमें 1410 आवास पूर्ण हो चुके हैं. दस्तावेजों के मुताबिक नगर पालिका परिषद भरवारी को अब तक 663 स्वीकृत आवास मिले हैं. जिसमें 100 आवास पूर्ण किए जा चुके हैं.

अब ऐसे में जब लाभार्थियों ने पीएम आवास योजना में हुए व्यापक भ्रष्टामचार का खुलासा किया तो परियोजना अधिकारी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा होना लाज़िम है. क्योंकि सरकार ने पीएम आवास योजना की जिम्मेदारी परियोजना अधिकारी जिला नगरीय विकास अभिकरण पर ही तय की है. आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में जिले के डीएम मनीष कुमार वर्मा भी अपने जवाबदेही से मुँह फेर रहे है. तभी तो मीडिया के सवालो से कुछ भी बोलने से बच रहे है.

(संवाद 365/ नितिन अग्रहारि)

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