क्षेत्रीय विधायक और उपजिलाधिकारी ने किया स्कूल का निरीक्षण

September 11, 2019 | samvaad365

जालौन: सोमवार को उपजिलाधिकारी भैरपाल सिंह तथा क्षेत्रीय विधायक नरेंद्र सिंह जादौन के द्वारा आकस्मिक  निरीक्षण किया गया। जिसके अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय गणेशगंज, कालपी, पूर्व माध्यमिक विद्यालय मनी गंज, कालपी तथा कार्यालय नगर शिक्षा अधिकारी कालपी की क्रियाकलापों की पड़ताल कर उसकी समीक्षा की गई।

प्राथमिक विद्यालय गणेशगंज, कालपी में कन्या प्राथमिक विद्यालय राम बाग के प्रधानाध्यापक अब्दुल खालिक तथा रसोईया राजकुमारी व रजनी इसी क्रम में पूर्व माध्यमिक विद्यालय मनी गंज कालपी के प्रभारी प्रधानाध्यापक कुलदीप शर्मा व डी एल एड प्रशिक्षु कु० मीनाक्षी व निधि देवी मौजूद थी लेकिन इन विद्यालयों की कमजोर कड़ी बच्चों की कमी थी जिनमें 30 से 40% बच्चे ही उपस्थित थे।

माननीय महोदय जी ने इस समस्या के सुधार हेतु प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया। विद्यालय की टूटी दीवार, हैंडपंप से आ रहे गंदे पानी तथा समुचित सफाई व्यवस्था हेतु नगर पालिका से संबंधित लिपिक को मौके पर बुलाकर त्वरित समाधान कराए जाने हेतु निर्देशित किया गया। जबकि महोदया द्वारा कार्यालय नगर शिक्षा अधिकारी कालपी के निरीक्षण में आनंद भूषण जिनके द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी, कदौरा एवं महेवा का कार्य संपादित किया जा रहा है, निरीक्षण के समय कार्यालय में उपस्थित नहीं मिले। जांच रिपोर्ट बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला अधिकारी जालौन को प्रेषित की जाने की जानकारी दी।

नगर शिक्षा अधिकारी समस्त शिक्षण संस्थाओं को सक्रियता के साथ कार्य करने का आदेश देते हैं लेकिन स्वयं अपनी लापरवाही से बाज नहीं आते। उपजिलाधिकारी तथा क्षेत्रीय विधायक के औचक निरीक्षण करने तथा शिक्षा, शिक्षा की गुणवत्ता के संदर्भ में अध्यापकों को नियमितता बरतने को कहने के बाद जब हमारी टीम विद्यालय में प्रवेश करती है तो वहां की स्थिति सामान्य थी साफ सफाई तथा भोजन की व्यवस्था विधिवत रूप से थी। बच्चे क्रमबद्ध रूप से शांत वातावरण में बैठकर अध्ययन कर रहे थे लेकिन वहां आज प्रधानाध्यापक अब्दुल खालिक की स्थिति भाव विभोर कर देने वाली थी जब मीडिया ने उनसे बात की तब उन्होंने कहा शिक्षा विभाग बच्चों की शिक्षा तथा उनके सर्वांगीण विकास के लिए अनेक प्रयास कर उसे लागू कर देता है, लेकिन इन सभी विषयों को नजरअंदाज किया जाता है क्योंकि विद्यालय में सबसे बड़ी समस्या अध्यापकों अनुदेशकों परिचायकों तथा उससे संबंधित कार्यकर्ताओं की कमी है।

जो शिक्षा की गुणवत्ता में कारक बन रहे हैं तथा उन्होंने आगे कहा कि एक अध्यापक को विद्यालय परिसर में स्वच्छता, स्वच्छ वातावरण, स्वच्छ भोजन की गुणवत्ता, विद्यालय के रजिस्टर मेंटेनेंस करके कोई सूचना विभाग को प्रेषित करना, मध्यान भोजन का लिखित ब्यौरा तैयार करना, बच्चों की ड्रेस, जूते, बैग बुक करने का ब्यौरा तैयार करना तथा बाजार से भोजन के लिए खाद्य सामग्री खरीदना अनिवार्य रूप से करना सम्मिलित है।

जब उपजिलाधिकारी ने औचक निरीक्षण किया तो यह सारी व्यवस्था पूर्ण व्यवस्थित थी लेकिन यहां की समस्या बच्चों की कमी थी और बच्चों की कमी की समस्या को लेकर माननीय उपजिलाधिकारी ने प्रश्न खड़े कर दिए और बच्चों की बढ़ोतरी के प्रयास के लिए हिदायत भी दे दी। हम बता दें विद्यालय में 58 बच्चों का नामांकन था लेकिन उस समय मात्र 20 बच्चे ही मौजूद थे। इसी मुद्दे पर जब मीडिया टीम ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय मनीगंज,कालपी प्रभारी प्रधानाध्यापक कुलदीप शर्मा से पूछा तो उन्होंने कहा कि बच्चों की कमी का पता लगाना तथा बच्चों के अभिभावकों से इस के संदर्भ में संपर्क करना हमारा दायित्व है लेकिन बच्चों के माता-पिता का यह दायित्व ही नहीं कर्तव्य बनता है कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजें तथा उनकी क्रियाकलापों का पता लगाएं और उनका मार्गदर्शन करे।

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संवाद365/पवन गुप्ता

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