रुद्रप्रयाग: भगवान विष्णु को समर्पित और सतयुग में शिव पार्वती का विवाह स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर में भले ही वर्ष भर श्रद्धालुओं की आवोभगत रहती हो लेकिन यह मंदिर आज भी शासन-प्रशासन की घोर उपेक्षा का दंश झेल रहा है. मंदिर में आने वाले तीर्थ-यात्री सुविधाओं के अभाव में परेशान रहते हैं. स्थिति इतनी विकट है कि श्रद्धालुओं के लिए शौचालय तक की सुविधा नहीं है। जबकि बारिश और बर्फबारी के मौसम में रेन-सेल्टर के अभाव में श्रद्धालु खुले आसमान के नीचे भिगने को विवश रहते हैं.
त्रियुगीनारायण्ण मंदिर आदिगुरू शंकराचार्य द्वारा निर्मित किया गया है. मान्यता है कि विष्णु भगवान के इस मंदिर में सतयुग में शिव ने पार्वती से विवाह किया था. इस दिव्य विवाह के लिए चारों कोनों में विशाल हवन कुुंड जलाया गया था. आज भी यहां पर देश-विदेश से लोग इस अग्नि के सात फेरे लेकर शादी के बंधन में बंधते हैं. रूद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने इससे वेडिंग डेस्टिनेशन घोषित किया है लेकिन सुविधाआों के अभाव में यहां लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ती हैं.
वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विख्यात इस तीर्थ की बदहाली तो आप समझ गए होंगे लेकिन अब देवस्थानम बोर्ड आने से यहाँ के तीर्थ.पुरोहित और पुजारी समाज भी खासा नाराज नजर आ रहा है. पुरोहित समाज का मानन है कि देेवस्थानम बोर्ड आने से उनकी हक.हकूकों को उनसे छिना जा रहा है जिससे उनकी आजीविका समाप्त हो रही है.
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संवाद365/कुलदीप राणा