नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में ‘परीक्षा पे चर्चा 2020’ के इस वर्ष के संस्करण में भारत के साथ-साथ विदेश के विद्यार्थियों के साथ भी चर्चा की। पीएम मोदी ने जीवन के हर क्षेत्र में तनाव मुक्त रहने के बारे में छात्रों को बहुमूल्य सुझाव भी दिए। जिसके बाद कार्यक्रम में शामिल हुए विद्यार्थी खासे उत्साहित हो गए। वहीं कार्यक्रम में 50 दिव्यांग विद्यार्थियों ने भी भाग लिया। 90 मिनट से भी अधिक अवधि तक चले इस संवाद कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने ऐसे अनेक विषयों पर प्रधानमंत्री से मार्गदर्शन करने का अनुरोध किया जो उनकी दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण थे। पीएम मोदी ने भविष्य में कैरियर के विकल्प के बारे में छात्रों को बताया कि अपने दिल की बात सुनें तथा राष्ट्र तथा इसके विकास के प्रति उत्साह से कार्य करें। उन्होंने कहा कि ‘कैरियर काफी महत्वपूर्ण है, प्रत्येक व्यक्ति को कुछ जिम्मेदारी लेनी होती है। हम अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करके भी राष्ट्र के प्रति हमेशा योगदान कर सकते हैं।’
वहीं केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने भी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि लगभग 1000 विश्वविद्यालयों, 40 हजार से अधिक डिग्री कॉलेजों, 16 लाख स्कूलों, एक करोड़ शिक्षकों, 33 करोड़ छात्रों के साथ भारत विश्वभर में सबसे बड़ी शैक्षिक प्रणालियों में शामिल हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देशभर के सभी छात्रों को समग्र एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से अनेक कदम उठाये हैं। उन्होंने परीक्षाओं के कठिन दिनों में छात्रों में आत्म विश्वास जागृत करने तथा चुनौतीपूर्ण वातावरण में उनका तनाव कम करने के उद्देश्य से उनके लिए समय निकालने को लेकर प्रधानमंत्री के प्रति आभार भी व्यक्त किया।
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उन्होंने कहा कि यह एक गर्व का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत की छवि काफी अच्छी हुई है और अब भारत पूरे विश्व को अपना नेतृत्व प्रदान कर रहा है, चाहे वह जलवायु परिवर्तन का क्षेत्र हो अथवा सौर ऊर्जा अथवा लोकतांत्रिक मूल्यों को सशक्त बनाने का क्षेत्र हो। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, भारत आतंकवाद के विरूद्ध आवाज उठाने में, योगा का प्रचार करने तथा विश्व में शांति स्थापित करने में अपनी निर्णायक भूमिका अदा कर रहा है।
रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि सभी के लिए परीक्षा का समय तनावपूर्ण एवं कठिन होता है, किन्तु दृढ़ शक्ति एवं मानसिक स्थिरता के बल पर हम परीक्षा की चुनौती का सामना कर सकते हैं। निशंक ने बताया कि भारत के सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के 15 करोड़ से अधिक छात्रों, माता-पिता एवं विश्व के 25 देशों के शिक्षकों ने इस कार्यक्रम को देखा।
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संवाद365/मोहित पोखरियाल