बाघों के संरक्षण में उत्तराखंड रहा अव्वल

July 30, 2019 | samvaad365

इंटरनेशन टाइगर डे 2019 के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में बाघों की स्थिति पर रिपोर्ट पेश की है. ये रिपोर्ट अब ये बताती है कि भारत बाघों का पसंदीदा ठिकाना बन रहा है. एक जानकारी के मुताबिक हमारे देश में बाघों के संरक्षण पर हर साल का खर्च चंद्रयान-2 की लांचिंग से भी ज्यादा है. अपने दर्शकों की जानकारी के लिए हम बता दें कि 29 जुलाई का दिन अंतराष्टीय टाइगर डे के रूप में मनाया जाता है. 2010 में इसकी घोषणा हुई थी. तब भारत ने और अन्य देशों ने लक्ष्य रखा था कि 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना किया जाए. उस वक्त भारत में बाघों की कुल आबादी 1706 थी. अब पीएम मोदी ने बताया है कि वर्ष 2018 तक देश में बाघों की कुल आबादी 2967 हो चुकी है.

वर्ष 2014 के बाद से अब तक देश में 741 बाघ बढ़े हैं. प्रधानमंत्री ने इसे देश के लिए बड़ी उपलब्धि बताया है. अब आपको ये भी जानना चाहिए कि बाघों के संरक्षण में देश में कौन से राज्य सबसे आगे हैं. बाघों के संरक्षण में सबसे बड़ी भूमिक उत्तराखंड निभा रहा है. चार साल में बाघों की संख्यार में 102 का इजाफा हुआ है. अब इनकी संख्या 442 पहुंच गई है. क्षेत्रफल के हिसाब से उत्तराखंड इस लिस्ट में पहले नंबर पर आता है. कार्बेट टाइगर रिजर्व पहले स्थान पर है. हर साल की बात करें तो साल 2014 की गणना में प्रदेश में 340 बाघ थे साल 2017 में 361 और साल 2018 में ये आंकड़ा 442 हो गया है. राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण के मामले में वर्ष 2018 की अखिल भारतीय गणना के अनुसार उत्तराखंड देश में मध्यटप्रदेश 526…. और कर्नाटक 524 के बाद तीसरे स्थान पर है. लेकिन क्षेत्रफल के लिहाज से देखा जाए तो उत्तराखंड पहले नंबर पर आता है.

संवाद 365/ डेस्क)

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