यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र आनंद रावत ने शनिवार को सोशल मीडिया पर एक सवाल उठाया।
उन्होंने प्रमुख नेताओं के साथ ही अपने पिता पर भी निशाना साधा। बकौल आनंद मेरे पिताजी भी मेरे चिंतन व विचारों से परेशान रहते हैं शायद उन्होंने हमेशा मेरी बातें एक नेता की दृष्टि से सुनी और मुझे येड़ा समझा। आनंद रावत के इस बयान के बाद कांग्रेस ने भी अपनी सफाई ने कहा कि आनंद रावत को जो मुकाम मिलना चाहिए था वह मुकाम नहीं मिला। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि आनंद रावत एक ज्ञानी व्यक्ति हैं, और युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं उन्होंने युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए कई कैंप आयोजित किए, बल्कि नशे के खिलाफ उन्होंने बड़ी मुहिम लड़ी। लेकिन यह दुर्भाग्य है कि जहां उनको मुकाम मिलना चाहिए था वहां उन्हें वो मुकाम हासिल नहीं हो पाया। गरिमा ने कहा कि आनंद रावत राजनीति में बीते 20- 25 सालों से सक्रिय हैं, मगर आनंद रावत इससे कहीं ज्यादा डिजर्व करते हैं. यही कारण है कि इस रूप में उनकी कुंठा सामने आयी है।
कांग्रेस का मानना है कि आनंद रावत ने जो बातें कही है वह तथ्यात्मक बातें हैं, ऐसे में पढ़ा लिखा व्यक्ति ही इस बारे में चिंतन कर सकता है। उनकी पोस्ट में युवाओं और बेरोजगारी के प्रति चिंता झलक रही है।
संवाद 365, संदीप रावत
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