उत्तराखंड की सियासत में 18 मार्च 2016 का किस्सा भला कौन भूल सकता है, ये वही दिन है जिस दिन प्रदेश में बड़ी राजनीतिक उथल पुथल मची थी. पूर्व सीएम विजय बहुगुणा, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत समेत कुल 9 विधायकों ने सरकार से बगावत कर दी, और पाला बदल दिया उस वक्त राज्य में कांग्रेस सरकार थी सरकार के मुखिया हरीश रावत थे.
हरीश रावत के लिए ये दौर काफी मुश्किल भरा रहा, इस घटनाक्रम के बाद मची राजनीतिक उथल पुथल काफी दिनों तक चली और फिर सामने आया तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग आॅपरेशन, इस स्टिंग आॅपरेशन में ये दावा किया गया कि विधायकों की खरीद फरोख्त की जा रही है. इस स्टिंग के बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन भी रहा हालांकि बाद में सरकार को बहाल कर दिया गया लेकिन, उसके बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को यह हरी झंडी दी कि वो हरीश रावत और हरक सिंह रावत पर केस दर्ज कर सकती हैं शर्त ये भी थी कि जबतक कोर्ट को विश्वास में नहीं लिया जा सकता तब तक गिरफ्तारी न हो.
वहीं अब सीबीआई ने इस स्टिंग मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत, के साथ ही वर्तमान बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर भी केस दर्ज कर दिया है. साथ ही इस मामले में पत्रकार उमेश कुमार पर भी केस दर्ज किया गया है. यानी कि सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए केस के बाद न सिर्फ हरीश रावत की मुश्किलें बढ़ गई बल्कि हरक सिंह रावत समेत बीजेपी पर भी इसका असर पड़ेगा.
(संवाद 365/काजल)
यह खबर भी पढ़ें-तो क्या इंटरनेट की ‘चौकीदारी’ से बन सकती है बात !