चमोली: अगस्त क्रांति की 78वीं वर्षगांठ पर गैरसैंण के रामलीला मैदान में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तिरंगा फहरा कर भारत छोड़ो आंदोलन को याद करते हुए कहा कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किये 4 महीने का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक किसी प्रकार से नहीं लगता कि सरकार ने गैरसैण को राजधानी का दर्जा दिया हो। गैरसैंण में हरीश रावत और कांग्रेस ने गढ़वाली और कुमाउंनी में सीएम से सवाल किया आखिर कहां है राजधानी। हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में इस बात संकेत नहीं दिखते कि गैरसैंण प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी है। न कोई शिलापट्ट न कोई बोर्ड जिससे बीजेपी की मानसिकता को समझा जा सकता है। वहीं अपनी ही पार्टी में गुटबाजी की बाज को नकारते हुए हरीश रावत ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत हर कार्यकर्ता स्वतंत्र है। वहीं हरीश रावत के साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल भी मौजूद रहे उन्होंने कहा कि तीन सालें में राजधानी को लेकर सरकार ने कोई नया काम नहीं किया सिर्फ घोषणा कर जनता को बरगलाया गया है।
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गैरसैंण पर सियासत उत्तराखंड में पहले से ही होती आई है, लेनिक वर्तमान सरकार ने गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया था, जिसके बाद अब कांग्रंस और हरीश रावत अभी भी गैरसैंण मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर हैं।
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संवाद365/पुष्कर नेगी