उत्तराखंड में जहां एक तरफ विपक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी 2022 विधानसभा चुनावों को लेकर जोरों शोरों से तैयारियां कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत के ट्वीट ने सत्ता का तापमान बढ़ा दिया है । उनका हाल ही में किया ये ट्वीट राजनीतिक गलियारों और जनता के मन में कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है , दरसल हरीश रावत ने ट्वीट कर लिखा
है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए, अब विश्राम का समय है!’
वहीं कुछ देर बाद हरीश रावत ने दूसरा ट्वीट कर लिखा
फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है “न दैन्यं न पलायनम्” बड़ी उहापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवना केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।’
अब हरीश रावत के ट्वीट करते ही लोगों ने कई तरह का अंदेशा लगाना शुरू कर दिया है । उनके ट्वीट से साफ तौर पर जाहिर हो रहा है कि उनके और पार्टी के बीच कुछ तो गढ़बढ़ है । वहीं कुछ लोग मान रहे हैं कि शायद हरीश रावत अब राजनीति छोड़ सन्यास लेने का मन बना चुके हैं। अब हरदा ने ऐसा ट्वीट क्यो किया ये तो वो ही जाने लेकिन ऐसी क्या स्थिति आ पड़ी जो उन्हें बाबा केदारनाथ से मार्गदर्शन मांगना पड़ रहा इसे लेकर उनके प्रशंसको में कई तरह की अटकलें तेज हो गई है ।
संवाद365, डेस्क