गुरुवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने कार्यालय में कनाडा के सीनेट H.E Mr. George J Furey, की अध्यक्षता में कनाडा के शिष्ट मंडल से मुलाकात की। इस अवसर पर सीनेटर Hon. Donald Nell Plett और सीनेटर Hon. Yvonne Boyer की भी गरिमामय भी मौजूद रही। निशंक ने इस मौके पर कहा कि मेरा मानना है कि आपसी संबंध बढ़ाने का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम शिक्षा है। एक बार जिस देश में छात्र रहता है वह संपूर्ण जीवन भर उस देश का ब्रांड एंबेसडर बन जाता है। people to people कनेक्ट बढ़ाने का यह एक प्रभावी तरीका है।
यह हर्ष का विषय है कि कनाडा उन 28 देशों में शामिल है जो भारत सरकार की उत्कृष्ट सहयोगात्मक शोध योजना SPARC में हिस्सा ले रहे हैं। कुल मिलाकर 13 विश्वविद्यालय इस योजना में भागीदारी कर रहे हैं। मुझे इस बात की खुशी है कि अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियां दोनों देशों में उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं। हमें इस प्रकार का तंत्र विकसित करने के लिए प्रयास करना चाहिए जिससे शीर्ष कनाडियन कंपनियां एवं भारतीय कंपनियां एक दूसरे देशों के छात्रों को अपने-अपने देशों में इंटर्नशिप कराने का अवसर प्रदान करें।
कनाडा के संस्थान नैनोटेक्नोलॉजी, हरित ऊर्जा, पारिस्थितिकी विज्ञान एवं आयुर्विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। इन क्षेत्रों में भारतीय संस्थानों के साथ पारस्परिक शोध को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। रिमोट सेंसिंग, डाटा एनालिसिस, सूचना प्रौद्योगिकी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स(IOT), मेटेरियल साइकिल के क्षेत्र में हमारे संस्थान विश्व स्तरीय कार्य कर रहे हैं। कनाडा-भारत इन सभी क्षेत्रों में सहयोग कर सकते हैं। साथ ही शिक्षा के माध्यम से दोनों देश मानवीय मूल्यों के प्रचार प्रसार में सहयोग कर सकते हैं।
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संवाद365/मोहित पोखरियाल