पहाड़ पर बनाना चाहते हैं घर… तो ज़रुर पढ़ें ये खबर

February 14, 2020 | samvaad365

अगर आप उत्तराखंड में घर बनाने का सपना देख रहे हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। खबर ये कि अब पहाड़ों में घर बनाना और भी आसान हो सकता है। दरअसल, प्रदेश मंत्रिमंडल बैठक में निजी क्षेत्र के पट्टों को ई टेंडरिंग की प्रक्रिया से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही संबंधित जनपद के जिलाधिकारी को पट्टे जारी करने का अधिकार भी दे दिया गया है। इससे जहां पट्टों के आवंटन की प्रक्रिया में तेजी आएगी वहीं उन पर खनन और चुगान होने से बाजार में खनिज सामग्री आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। प्रदेश के लिए सरकार जो प्रक्रिया अपनाने जा रही है उससे घर बनाने के लिए जरूरी रेत, बजरी और वाजिब दामों में मिलेगी। वहीं रिपोर्ट्स के अनुसार फिलहाल सूबे में हर साल रेत, बजरी और बोल्डर की कुल मांग करीब 16 करोड़ मीट्रिक टन है। लेकिन मांग की तुलना में आरबीएम की आपूर्ति एक चौथाई भर ही है। सरकार निजी क्षेत्र के पट्टों को खोलकर भरना चाहती है। इसी के लिए कैबिनेट में निजी क्षेत्र के खनन पट्टों को ई निविदा की प्रक्रिया से बाहर करने का फैसला लिया गया। इस संबंध में उत्तराखंड उपखनिज नियमावली में संशोधन कर दिया गया है। इसके तहत ई निविदा, ई नीलामी प्रक्रिया के स्थान पर भूस्वामी की सहमति प्राप्त आवेदकों के आवेदन करने के बाद पट्टा स्वीकृत होगा। ये स्वीकृति देने का अधिकार जिलाधिकारी को दिया गया है। वहीं सरकार के इस कदम से निर्माण कार्य में तेजी आने की उम्मीद है। जिससे रोजगार भी बढ़ने की उम्मीद है। प्रदेश में चारधाम आल वेदर रोड़, राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण की परियोजनाएं, महाकुंभ परियोजना और ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के निर्माण के लिए भारी मात्रा खनिज सामग्री की जरूरत है।

(देवभूमि उत्तराखंड के हिंदाव पट्टी की मां जगदी जिसकी महिमा अद्भुत है…. आप भी जानिए नौज्यूला की मां जगदी की महिमा के बारे में देखिए ये डाॅक्यूमेंट्री ‘देवभूमि यात्रा’ भाग 1)

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