शहीदों की याद में बनकर तैयार हुआ नेशनल वॉर मेमोरियल, मोदी सरकार ने ऐसे दी श्रद्धांजलि

February 25, 2019 | samvaad365

1960 में प्रस्तावित किए गए नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण कार्य अब पूरा हो चुका है, जिसका उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को किया जाएगा। नेशनल वॉर मेमोरियल को इंडिया गेट के पास 40 एकड़ जमीन पर बनाया गया है। यह उन जवानों के प्रति सम्मान का सूचक होगा जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दे दी। सोमवार को होने वाले इस मेमोरियल के उद्घाटन समारोह को सेना की परंपरा के मुताबिक आयोजित किया जाएगा, और इसे शहीद जवानों को समर्पित किया जाएगा। मेमोरियल को देश की रक्षा की खातिर शहीद होने वाले 25 हजार 942 से वीर जवानों की याद में बनाया गया है।

59 साल बाद तैयार किए गए इस नेशनल वॉर मेमोरियल को ऐसे तैयार किया गया है, जिससे राजपथ और इसकी भव्य संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ न कर सके। वहीं इससे लगे प्रस्तावित नेशनल वॉर म्यूजियम के लिए उपयुक्त डिजाइन तय करने की प्रक्रिया चल रही है। इसकी शुरुआती लागत करीब 500 करोड़ रुपए है और इसे तैयार होने में अभी कुछ साल और लगेंगे।

आपको बताते चलें कि पहली बार 1960 में नेशनल वॉर मेमोरियल बनाने का प्रस्ताव सशस्त्र बलों ने दिया था। सरकारों की उदासीनता, ब्यूरोक्रेट्स और सेना के बीच गतिरोध से इसका निर्माण नहीं हो सका। मोदी सरकार ने अक्टूबर 2015 में इस स्मारक के निर्माण को मंजूरी दी थी। दुनिया के बड़े देशों में सिर्फ भारत में ही अब तक युद्ध स्मारक का निर्माण नहीं हुआ था। अंग्रेजों ने पहले विश्व युद्ध में शहीद भारतीयों की याद में 1931 में इंडिया गेट बनवाया था। 1971 के युद्ध में शहीद हुए 3843 सैनिकों के सम्मान में अमर जवान ज्योति बनाई गई थी।

छह भुजाओं (हेक्सागोन) वाले आकार में बने मेमोरियल के केंद्र में 15 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ बनाया गया है। इस पर भित्ति चित्र, ग्राफिक पैनल, शहीदों के नाम और 21 परमवीर चक्र विजेताओं की मूर्ति बनाई गई है। स्मारक चार चक्रों पर केंद्रित है- अमर चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र, रक्षक चक्र। इसमें थल सेना, वायुसेना और नौसेना के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है। शहीदों के नाम दीवार की ईंटों में उकेरे गए हैं। स्मारक का निचला भाग अमर जवान ज्योति जैसा है।

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दिल्ली/काजल

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