नेता जी आज भी अम्बेसडर में चलते हैं… सपा के पुराने नेताओं में से एक हैं रामसागर रावत

November 22, 2019 | samvaad365

बाराबंकी: आज नेताओं ने भले ही अम्बेसडर कार बदल कर लग्जरी गाड़ियों से सफर करते हो लेकिन बाराबंकी जिले के बुजुर्ग नेता रामसागर रावत समाजवादी पार्टी में काफी पुराने और मुलायम सिंह यादव के करीबी नेता, पूर्व में चार बार सांसद और तीन बार विधायक भी रह चुके हैं भारतीय नेताओं की शान अम्बेडकर कार आज भी बाराबंकी की गलियों में दौड़ती है। रामसागर रावत आज भी वो अपनी पुरानी अम्बेसडर कार से ही निकलते हैं राजनीति की शुरुआत से लेकर अबतक उन्होंने अपनी अम्बेसडर कार नहीं बदली जानकारी के अनुसार 1958 से देश के बड़े राजनेताओं, उद्योगपतियों और सरकार की सबसे पसंदीदा गाड़ी 2014 में भले ही ये बिकना बंद हो गयी हो  लेकिन आज भी बाराबंकी के ये नेता अम्बेसडर कार में ही सफर अपना सुरक्षित समझते हैं, उनकी सबसे प्रिय कार आज भी बनी हुई हैं! 1958 में जब अंबेसडर का उत्पादन शुरू हुआ था, तब से लेकर 2014 तक 7 बार इंजन में बदलाव किया गया।

अम्बेसडर कार का इतिहास भी जान लीजिए मेक इन इंडिया के तहत बनने वाली देश की पहली कार अंबेसडर का उत्पादन कोलकाता में हिंदुस्तान मोटर कंपनी ने शुरू किया था। अपने आकार-प्रकार, बैठने की आरामदेह व्यवस्था और किसी भी सड़क पर चलने के माकूल होने की वजह से यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन गई थी जिसे सत्ता की थी प्रतीक कहा जाता रहा। कोलकाता स्थित हिंदुस्तान मोटर कंपनी ने काले रंग की पहली अंबेसडर कार तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को भेंट की थी और उसके बाद ही यह नई दिल्ली के लुटियन्स जोन में सत्ता राजनीति और नौकरशाही का अधिकृत वाहन बन गई थी। पंखे, पर्दे और लाल-नीली बत्तियों से सुसज्जित अंबेसडर में बैठना कुछ दशक पहले तक भी लोगों की महत्वाकांक्षाओं में शामिल था, तो इसलिए कि तब यह सरकारी अधिकारियों का इकलौता वाहन थी।

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संवाद365/अंकित यादव

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