राजकीय प्राथमिक विद्यालय में हुआ बालवाटिका कार्यक्रम, विधायक राजेंद्र भंडारी ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ

July 13, 2022 | samvaad365

सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी का प्रावधान अब शुरू हो गया हैं।जिसका नाम बाल वाटिका होगा। आज से उत्तराखंड में शिक्षा विभाग में बड़ा बदलाव हो गया हैं। पोखरि में शिक्षा विभाग ने कार्यक्रम की शुरुवात कर नए प्रावधानों के आधार पर तैयारी प्रारंभ कर दी है।

दो साल आंगनबाड़ी के बाद एक साल रहेगी बालवाटिका।
नई शिक्षा नीति में शिक्षा विभाग के ढांचे में बड़ा बदलाव सुरु हो गया हैं । सरकारी स्कूलों में भी ,प्री प्राइमरी कक्षाएं प्रारंभ करने की तैयारी आज से शुरू हो गयी है। दरसल नई शिक्षा नीति में इसका प्रावधान किया जा रहा है। इस कक्षा को बालवाटिका नाम दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति में 10+2 के स्थान पर 5+3+3+4 का प्रावधान किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने भी नए प्रावधानों के आधार पर तैयारी प्रारंभ कर दी है।

नए प्रावधानों के अनुसार 3 से 8 साल तक के बच्चों के लिए फाउंडेशन स्टेज की बात कही गई है। इसमें दो साल आंगनबाड़ी के होंगे। इसके बाद एक साल बालवाटिका का और फिर पहली और दूसरी कक्षा होगी। यह तीनों कक्षाएं स्कूल में संचालित होगी।

बालवाटिका के लिए महिला बाल विकास विभाग की ओर से प्रशिक्षण देकर शिक्षा विभाग की मांग के अनुसार शिक्षक उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान रखा जाएगा। इससे सरकारी स्कूलों में भी प्री प्राइमरी कक्षाएं प्रारंभ हो सकेंगी। हालांकि शिक्षा विभाग के सामने प्री प्राइमरी के लिए योग्य शिक्षकों की कमी रहेगी। इसके लिए उसे महिला बाल विकास विभाग के भरोसे रहना पड़ेगा। इसके बाद तीन साल तीसरी से पांचवीं तक, तीन साल छठी से आठवीं तक और 4 साल नवीं से बारहवीं तक का प्रावधान रहेगा।
बालवाटिका स्कूल में चलेगी। इससे सरकारी स्कूलों में भी प्री प्राइमरी कक्षाएं संचालित हो सकेंगी।

संवाद 365, संदीप बर्त्वाल

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