डेंगू से सावधान- गाइडलाइन का पालन ना करने पर स्कूलों को नोटिस जारी

September 10, 2022 | samvaad365

डेंगू की रोकथाम के लिए जारी गाइडलाइन का पालन न करने पर जहां एक तरफ देहरादून के डीएम सोनीका के निर्देश पर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने 14 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

बता दें कि स्कूलों में डेंगू के बचाव के लिए पूरी आस्तीन की ड्रेस अनिवार्य किए जाने स्वास्थ विभाग गंभीर था। स्वास्थ विभाग द्वारा बार-बार शिक्षा विभाग को स्कूलों में पूरी आस्तीन के ड्रेस अनिवार्य किए जाने को लेकर पत्र जारी किया जा रहा था, आखिरकार इस मामले का संज्ञान लेते हुए देहरादून के जिला प्रशासन ने 14 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। लेकिन डीएम कार्यालय से चंद कदमों की दूरी पर स्थित सेंट थॉमस कॉलेज डेंगू के बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहा है, ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर प्रशासन ने डेंगू से बचाव की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे सेंट थॉमस कॉलेज को डेंगू से बचाव के गाइडलाइन का पालन न करने पर नोटिस क्यों नहीं जारी किया। वहां अभी भी बच्चे पूरे बाह के कपड़े पहनकर स्कूल नहीं आ रहे हैं.

वहीं स्कूलों में पूरी आस्तीन की ड्रेस लागू किए जाने को लेकर उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा प्राइवेट स्कूलों की पैरवी करती हुई नजर आई, इससे स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू के बचाव को लेकर की जा रही मुहिम को धक्का जरूर लगा है। आयोग की अध्यक्षा डॉ गीता खन्ना का कहना है कि स्कूलों के लिए पूरी आस्तीन की ड्रेस अनिवार्य किए जाने को लेकर एक नोटिस जारी करने में बिल्कुल देर नहीं लगाई जाएगी, लेकिन डेंगू के बचाव को लेकर स्कूलों को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्कूलों की तरफ से अभिभावकों को बच्चों की स्कूल ड्रेस को चेंज करने को लेकर यदि कहा जाता है तो इससे अभिभावकों में रोष उत्पन्न हो जाता है कि स्कूल नाहक उन्हें बच्चों की ड्रेस बदलने के नाम पर परेशान कर रहे हैं। इसके लिए बच्चों के अभिभावकों को तैयार होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मात्र स्कूलों को नोटिस थमाने और फुल स्लीव्स करने से डेंगू नहीं रुकने वाला है ऐसे में हमें डेंगू के प्रति जागरूक होना जरूरी है.

बता दें कि जिले में डेंगू मरीजों की संख्या 100 के पार पहुंच गई है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिक्षा विभाग को स्कूलों में पूरी आस्तीन की ड्रेस अनिवार्य किए जाने को लेकर बार-बार कहा जा रहा है, ताकि बच्चों को डेंगू से बचाया जा सके। जबकि स्कूलों में कहीं पर भी फागिंग या एंटी लारवा का छिड़काव नहीं किया जा रहा है। इससे स्कूल जाने वाले बच्चों में डेंगू का खतरा बढ़ गया है। क्योंकि डेंगू मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता और इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती है। अमूमन यह मच्छर दिन में और खासकर सुबह काटते हैं। इस समय बच्चे स्कूलों में होते हैं तो इससे उनके ऊपर डेंगू का खतरा मंडराता रहता है।

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी

प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी के चलते अभिभावक हमेशा परेशान रहते हैं। क्योंकि बच्चों की पढ़ाई की फीस फॉर डोनेशन जमा करने में अभिभावकों को सारा बजट बिगड़ जाता है। बिल्डिंग ,पानी, किताबों, स्टेशनरी के नाम पर अभिभावकों को अक्सर परेशान किया जाता रहा है तो ऐसे में सवाल उठता है है कि अपने बच्चे को डेंगू से बचाने के लिए अभिभावक पूरी आस्तीन की ड्रेस पहनाने में क्यों देरी करेंगे.

डीएम के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने 14 स्कूलों को थमाया है नोटिस

डेंगू से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का पालन न करने पर देहरादून की जिलाधिकारी सोने का के निर्देश पर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने 14 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है लेकिन अभी भी कई स्कूल नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन से आठ बिंदुओं पर जवाब तलब किया है जिसमें कहा गया है कि विद्यालय में पूर्व में दिए गए निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है।

( संवाद 365/ संदीप रावत )

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