चमोली: पोखरी में कूड़े का निस्तारण आग लगाकर किया जाता है ओर इस आग से बाँज के पेड़ों का जंगल तबाह होने की कगार पर पहुंच गया है.
चमोली जिले के विकासखंड नागनाथ पोखरी में नगर पंचायत की भारी लापरवाही के कारण ना केवल पूरा शहर विषैले धुएं के चपेट में है बल्कि एक बड़ा वन क्षेत्र भी पूरी तरह से नष्ट भ्रष्ट हो गया है.
दरअसल पोखरी नगर पंचायत पूरे नगर क्षेत्र में 5 गांव के कूड़े को पोखरी मुख्यालय के गोदी बैंड पर इकट्ठा करता है और फिर इसके निस्तारण के लिए इस पर आग लगा देता है। पिछले दिनों लगाई आग से कूड़े के साथ-साथ यहां मौजूद बांज के सैकड़ों पेड़ भी इस आग की भेंट चढ़ गए.
शहर के बीचों-बीच इस कूड़े के डंप होने से वैसे तो यह हमेशा से पूरे क्षेत्र में दुर्गंध फैलाता रहा है लेकिन अक्सर नगर पंचायत द्वारा यहां कूड़े के ढेर पर आग लगाने से पूरा शहर विषैले धोने के चपेट में आ जाता है जिससे न केवल लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है बल्कि यह जहरीला धुआं अनेक बीमारियों का कारण भी बनता है. लेकिन तहसील प्रशासन और वन विभाग के नाक के नीचे यह सब होता है लेकिन मजाल क्या कि अधिकारी इस पर कोई कार्यवाही करते. उधर नगर पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद पंत का कहना है कि यह आग शरारती तत्वों द्वारा लगाई जाती है.
नगर पंचायत कुछ भी कहे लेकिन सैकड़ों हरे पेड़ों को आग के हवाले करना और आम जनमानस के स्वास्थ्य के साथ इतना बड़ा खिलवाड़ करना अपने आप में एक गंभीर विषय है जिस पर सख्ती से कार्यवाही की जानी चाहिए थी लेकिन पोखरी नगर पंचायत में ऐसा लगता है मानो यहां प्रशासन और कानून नाम का कोई चीज नहीं है.
(संवाद365/कुलदीप राणा आजाद)
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