चमोली: गढ़वाल की अधिष्ठात्री देवी मां नंदा भगवती की हर वर्ष ऐतिहासिक लोकजात यात्रा कुरुड़ से कैलाश की ओर भादपद्र माह में रवाना होती है, हर वर्ष होने वाली लोकजात यात्रा कुरुड़ से विभिन्न पड़ावों को पार करते हुए वेदनी कुंड में डोली स्नान और पूजा अर्चना के बाद मां नंदा की डोली विभिन्न पड़ावों को पार करते हुए अपने ननिहाल यानी देवराडा पहुंचती है और यहां देवी अगले 6 मास तक विराजमान होती है, कई बार इस मन्दिर का जीर्णोद्धार भी हो चुका है, मां नंदा देवी में परगना बधाण पट्टी के लोगो की अटूट आस्था और श्रद्धा है, लेकिन देवराडा सहित बधाण पट्टी के स्थानीय लोगो,जनप्रतिनिधियों की गुहार के बावजूद सिद्धपीठ देवराडा को यात्रा पड़ाव नही बनाया जा सका जिसे लेकर देवराडा सहित बधाण पट्टी के लोगो मे सरकारों को लेकर खासा रोष व्याप्त है।
देवराडा मंदिर समिति के अध्यक्ष भुवन हटवाल और गांव के अन्य ग्रामीण बताते हैं कि लंबे समय से ग्रामीणों की देवराडा सिद्धपीठ को यात्रा पड़ाव में शामिल करने की मांग रही है जिसे लेकर वे 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से लेकर तत्कालीन थराली विधायक जीतराम, सतपाल महाराज तक को ज्ञापन भेज अपनी मांग से अवगत करा चुके हैं बाकायदा तब पौड़ी से सांसद रहे सतपाल महाराज ने भी शासन में इस मांग को लेकर कार्यवाही का आश्वासन दिया था लेकिन अब तक भी इन आश्वासनो को सरकार द्वारा अमलीजामा न पहनाया जा सका।
यह खबर भी पढ़ें-कोरोना संक्रमितों के उपचार में लगे चिकित्सकों का काम तपस्या की भांति : सीएम रावत
संवाद365/पुष्कर नेगी