चमोली: कोरोना संक्रमण के चलते अब लॉकडाउन में मिली छूट के बाद बाहरी राज्यों और अन्य बाहरी जनपदों में फंसे प्रवासी इन दिनों अपने गांव वापस लौट रहे हैं। लेकिन होम क्वारनटाईन का पालन करने के बावजूद भी कई गांवो में पहुंचे प्रवासियों से वहां के ग्रामीणों द्वारा बदसलूकी करने की घटनाएं सामने आ रही है। ऐसा ही एक मामला चमोली जिले में दशोली विकासखण्ड के बमियाला गांव में देखने को मिला ,जंहा आज सुबह देहरादून से अपने गांव पहुँचे एक परिवार को अपने ही गांव में ग्रामीणों का भारी विरोध देखने को मिला। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए डॉक्टरो और प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची और किसी तरह मामले को शांत करवाया।
बमियाला गांव के ग्रामीणों को जैसे ही देहरादून से गांव में पहुचे परिवार की खबर मिली, वैसे ही भारी संख्या में ग्रामीणों ने उनके घर का घेराव कर उनके परिवार को जूनियर हाईस्कूल बमियाला में इंस्टीट्यूशल क्वारटाईन रहने का दबाव बनाने लगे।इसमें काफी देर तक ग्रामीणों और देहरादून से गांव लौटे परिवार के बीच काफी नोकझोक भी हुई। देहरादून से गांव लौटी महिला का कहना है कि उनके पति हार्ट पेशेंट है ,और वह भी ब्लड प्रेशर की पेशेंट है ,साथ ही वह प्रशासन के दिशानिर्देश अनुसार होम कवारन्टीन का पालन कर रहे है ,लेकिन ग्रामीणों के द्वारा उनको जबरन जूनियर हाईस्कूल में क्वारन्टीन रहने के लिये कहा जा रहा है।
गांव में हुए हंगामे के बाद डाक्टरो की टीम ने भी बमियाला गांव पहुँचकर देहरादून से लौटे परिवार का मेडिकल परीक्षण किया,परीक्षण के दौरान सभी का स्वास्थय सामान्य निकला।वंही मामले पर अपर ज़िलाधिकारी मोहन सिंह बर्निया का कहना है कि लाकडाउन के चौथे चरण में गृह मंत्रालय की गाइड लाइन के अनुसार अब सभी प्रवासियों को होम क्वारनटाईन रहने के लिए कहा गया है।ग्रामीणों की तरफ से प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार करना गलत है।
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संवाद365/पुष्कर नेगी