बागवानी, फलोद्यान, सब्ज्जी उत्पादन के जरिये बेहतर आजीविका जुटाने की जहां आपने अनेक पहाड़ के मेहनतकश किसानो की कहानी सुनी होगी, लेकिन जिस किसान की कहानी आज हम आपको बता रहे हैं, वह स्वार्थ से परे है। रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनी विकासखण्ड के बष्टी गाँव के दरबान सिंह फर्स्वाण पिछले सात वर्षो से अपने गाँव में छायादार, चारापत्ती और औषधीय पेड़ो का मिश्रित जंगल तैयार कर रहे हैं, गाँव के गौ चरान जहां कभी केवल कंटीली झाड़ियां हुआ करती थी, वहाँ 15 हेक्टेयर बंजर भूमि में दरबान सिंह ने वर्ष 2013 में वन विभाग की मदद से बांज, बुरांश, अंयार मोरु, तेजपत्ता सहित विभिन्न प्रजाति के करीब 15 हजार से अधिक पौधे लगाये, समय समय पर खाद पानी और देख रेख करते रहे तो आज 7 वर्ष बाद वे नन्हें पौधे विशाल मिश्रित जंगल का रूप ले चुके हैं।
पिछले सात वर्षो से दरबान सिंह इस जंगल का संरक्षण अपने परिवार की तरह कर रहे हैं, धूप हो या बारिश, हर समय वे पेड़ पौधों की निराई गुड़ाई और खाद पानी करने में लगे रहते हैं। वे कहते हैं बढ़ते प्रदूषण और गाँव में चारे की समस्या को देखते हुए ही इस मिश्रित वन को तैयार किया गया।
दरबान सिंह के विशाल मिश्रित जंगल से न केवल ग्रामीणों की मवेशियों के लिये चारा पत्ती मिल रही है बल्कि आसपास के प्राकृतिक जल स्रोत भी रिचार्ज हो गए हैं। पर्यावरण को स्वच्छ और साफ रखने में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
(संवाद 365/कुलदीप राणा )
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