एक बार फिर विवादों में देहरादून का मैक्स अस्पताल, मरीज के गहने हो गए चोरी, मुकदमा दर्ज

August 4, 2022 | samvaad365

देहरादून के प्रसिद्ध अस्पताल मैक्स अस्पताल एक बार फिर से चर्चाओं में आ गया है, इस बार जो विवाद हुआ है वो पहले भी इस अस्पताल से सामने आ चुका है  जिस पर कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने के भी आदेश जारी कर दिए हैं. दरअसल मामला मरीज के गहने गायब होने का है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देहरादून के मसूरी रोड स्थित मैक्स अस्पताल पर भर्ती मरीज के जेवर गायब करने का आरोप लगा है। महिला के परिजनों ने मामले में पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो परिजनों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

Doctors Strike: देहरादून का मैक्स हॉस्पिटल भी हुआ हड़ताल में शामिल, बंद की  ओपीडी - Doctors Strike: Dehradun's Max Hospital too joins Strike, Shuts  down OPD – News18 हिंदी

वहीं अपर मुख्य न्यायिक मिजिस्ट्रेट निहारिका मित्तल गुप्ता की अदालत ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। जानकारी मिली है कि मामला कोरोना काल का है। इस दौरान देहरादून निवासी विशाल अग्रवाल ने मैक्स अस्पताल के खिलाफ अदालत में शिकायत दी कि उनकी माता सावित्री देवी को कोरोना के इलाज के लिए 23 मार्च 2021 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका उपचार करीब डेढ़ माह तक चला। आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के चलते 2 जून 2021 को उनकी माता का निधन हो गया।

मरीज के परिजनों ने ये भी आरोप लगाया कि उनकी मां की आखिरी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी अस्पताल ने उन्हें आइसीयू में ही रखा और कोविड प्रोटोकाल का भी पालन नहीं किया। जनरल वार्ड से कोविड वार्ड में शिफ्ट करते समय अस्पताल प्रबंधन ने उनकी मां के जेवर और सैंडल निकाल कर रख दिए। मरीज की मौत के बाद उनका शव परिवार को सौंप दिया गया, लेकिन जेवर नहीं दिए गए। आरोप है कि कई बार जेवर व अन्य सामान की मांग करने के बावजूद उन्हें अस्पताल प्रबंधन से मायूसी ही हाथ लगी।

विशाल अग्रवाल ने कोर्ट को बताया कि इस संबंध में 16 अगस्त 2021 को उन्होंने राजपुर थाना पुलिस को शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। अदालत ने राजपुर थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अब देखने वाली बात होगी कि क्या इस बड़े अस्पताल पर कोई कार्रवाई होगी या नहीं क्योंकि पहले भी कई आरोप अस्पतालों पर लगते रहे लेकिन आज तक किसी भी अस्पताल पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।

संवाद 365, दीपिका भंडारी

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