भारतीय स्टेट बैंक चमियाला में स्टाफ की कमी के चलते लोगों को हो रही भारी परेशानी

August 22, 2020 | samvaad365

टिहरी: भारतीय स्टेट बैंक देश के लोगों के लिए हमेशा भरोसे का प्रतीक रहा है, लेकिन पहाड़ में अपने कर्मचारियों को पहाड़ चढ़ाना उनके लिए भी शायद मुसीबत का सबब बनता जा रहा है। भारतीय स्टेट बैंक शाखा चमियाला टिहरी गढ़वाल इसका जीता जागता उदाहरण है। कई सालों से यह शाखा क्षेत्र के लोगों को अपनी सेवाएं दे रही है लेकिन जब यहां लोगों की समस्याओं का अंबार लगा रहता है। जिसका मुख्य कारण है यहां पर बैंक कर्मियों की कमी। कोविड 19 महामारी के दौर में रोजाना बैंक में बढ़ती भीड़ के चलते सामाजिक दूरी भी तार तार हो जाती है। बैंक कर्मी पुलिस कर्मियों के साथ व्यवस्था को संभालने की कोशिश करते हैं लेकिन बेतहाशा भीड़ के चलते यह संभव नहीं हो पा रहा है, जिससे जहाँ लोगों में महामारी के संक्रमण का डर है वहीं बैंकिंग प्रबंधन अपने कर्मियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है उनके जीवन को संकटमयी बना रहा है।

लोगों की बढ़ती भीड़ और लोगों को चुस्त दुरुस्त बैंकिंग सेवा नहीं मिलने के चलते अभी हाल ही में 13 जुलाई 2020 को जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय जनता द्वारा चमियाला शाखा के बाहर धरना प्रदर्शन करके बैंकिंग व्यवस्था को चेताया गया था। विकासखण्ड भिलंगना के प्रधान संगठन के अध्यक्ष दिनेश भजनियाल ने बताया कि उन्होंने जब बारीकी से बैंकिंग व्यवस्था की कमी का अवलोकन किया तब उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि यहां पर वर्तमान में कार्यरत बैंक कर्मी लगातार देर शाम और रात तक अपने लोगों के कार्यो में लगे रहते है। कार्य का बहुत अधिक बोझ होने के कारण समय सीमा के बाद भी बैंक कर्मी लगभग हर रोज कार्य करते नजर आते है। उनके चेहरे की शिकन साफतौर पर इस बात का इज़हार करती है कि वह दो तरफा दबाव झेल रहे है। एक तरफ बैंकिंग प्रबंधन का दबाव दूसरी तरफ लोगों की समस्याएं। बैंकिंग प्रबधन के खिलाफ कुछ भी ना कहने की मजबूरी तथा रोज रोज जनता से अपनी आलोचना सुनना मानो उनकी नियति बन चुकी है।

हमने भी अपने स्तर पर इस बात का जायजा लिया ओर इस बात को समझा कि इस शाखा में कार्यरत कर्मी बहुत अधिक मानसिक दबाव में कार्य कर रहे है। वह लोगों को अपनी बेहतर सेवा देने की कोशिश करते नजर आते है लेकिन 80 हज़ार से ज्यादा खातों को केवल 2 क्लेरिकल स्टाफ और 2 अधिकारियों के भरोसे छोड़कर कैसे लोगों को बेहतर सेवाएं देने की बात कही जा सकती है। ग्रामीण क्षेत्र होने के चलते आज भी लोगों को डिजिटल व्यवस्था समझने में कई पड़ाव से गुजरने की आवश्यकता है। वह डिजिटल भुगतान को सुरक्षित नहीं समझते है लिहाजा बैंक में स्वयं जाकर और अपने हाथों से लेनदेन कर ही वह अपने आप तथा अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित समझते है। बैंक कर्मियों पर लगातार बेहतर सेवा का दबाव बढ़ता जा रहा है लेकिन रोजाना सैकड़ो की संख्या में खाताधारक बैंकिक सेवाओं के लिए लाइन में खड़े रहते है।

 

ऐसे में बैंकिंग कर्मियों के सभी प्रयास नाकाफी साबित हो रहे है। लिहाजा लोगों को हो रही भारी दिक्कतों के चलते और बैंकिंग कर्मियों पर बढ़ते दबाव के मध्यनजर प्रधान संगठन के अध्यक्ष ने रीजनल मैनेजर को अपने पत्र के माध्यम से आगाह किया है कि अगर 15 दिनों के भीतर स्टेट बैंक चमियाला शाखा में समुचित बैंकिंग कर्मियों की व्यवस्था नहीं की जाती है तो उसके बाद बैंक शाखा में तालेबंदी कर जनता के साथ उग्र आंदोलन किया जाएगा।

संगठन के अध्यक्ष दिनेश भजनियाल ने बताया कि उन्होंने दूरभाष द्वारा देहरादून में रीजनल मैनेजर से बात की और पत्र से संबंधित जानकारी दी जिस पर उन्होंने कहा कि अगर लोगों द्वारा तालेबंदी की जाएगी तो वह बैंक बन्द कर देंगे। यह एक तरह का गैर जिम्म्मेदाराना जवाब है जिस पर उन्होंने कहा कि उनके पास स्टाफ भर्ती करने का कोई प्रावधान नहीं है ऐसे में जो व्यवस्था है उसी से काम चलायेंगे, लेकिन उन्होंने ये कहा है कि वह अपने सीनियर अधिकारियों को इस बारे में सूचित करेंगे ताकि उनकी तरफ से कुछ हो सके। यहां पर यह सवाल उठना लाजमी हो जाता है कि क्या बैंक भी अपने कर्मियों को पहाड़ चढ़ाने में नाकाम साबित हो रहे है।

एक लाख के करीब खाता संख्या वाले शाखा के यह हाल है तब अन्य शाखाओं की पहाड़ी क्षेत्रों में क्या स्थिति होगी उसका अंदाजा लगाया जा सकता है। स्टेट बैंक चमियाला शाखा में बैंकिंग कर्मियों की कमी ही व्यवस्था को सुधार की राह प्रशस्त कर पायेगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या स्टेट बैंक प्रबंधन अपने बैंकिंग व्यवस्था को सुचारू रुप से चलाने के लिए और कर्मियों की व्यवस्था यहां पर करेगा या ऐसे ही स्वयं तथा जनता की फजीहत करवाएगा।

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