घनसाली: ग्यारह गांव हिन्दाव पट्टी के रा०ई०का अखोड़ी में शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को लेकर तीसरे दिन भी अभिभावक संघ का धरना जारी रहा। अभिभावक संघ के धरने को पूर्व विधायक भीमलाल आर्य और पूर्व प्रमुख धनिलाल शाह ने भी समर्थन किया है। साथ ही क्षेत्र के विभिन्न राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों ने भी अभिभावक संघ के धरने का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन क्षेत्रीय विधायक शक्तिलाल शाह सुध लेने तक को तैयार नही हैं। जिससे अभिभावकों में विधायक के प्रति भी आक्रोश व्याप्त है। व हो सकता है कि घनसाली विधायक शक्तिलाल को इसका खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में झेलना पड़े.
वहीँ टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण ने अभिभावक संघ की मांग को देखते हुए और अभिभावक संघ के द्वारा किये जा रहे धरना प्रदर्शन को लगातार बढ़ते जन समर्थन को देखते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण नें शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे से मुलाकात कर जल्द से जल्द समस्या का समाधान करने की मांग की शिक्षा मंत्री अरविंद पाणडे को पत्र देकर रा०ई०का अखोड़ी में विगत समय से चल रही शिक्षकों की कमी से अवगत करवाया व प्रवक्ता रसायन विज्ञान, प्रवक्ता गणित और प्रवक्ता अर्थशास्त्र की विद्यालय में शीघ्र तैनाती किये जाने का आग्रह किया। वहीँ शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डे ने भी जिला अध्यक्ष सोना सजवाण के पत्र का संज्ञान लेते हुए सचिव विद्यालय शिक्षा को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए हैं.
इस अवसर पर अभिभावक संघ ने जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण का आभार व्यक्त किया व कहा कि उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष पर पूरा भरोसा है कि उनके द्वारा अभिभावकों की मांगों को शासन स्तर पर रखने के साथी ही जल्द प्रवक्ताओं की नियुक्ति करवाने में सहयोग मिलेगा जिससे छात्र-छात्राओं का पठन पाठन एक बार फिर पटरी पर आएगा। व विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य को बचाया जा सकेगा।
इस अवसर पर अभिभावक संघ के अध्यक्ष विक्रम घनाता ने कहा की तब तक धरना समाप्त नही करेंगे जब तक विद्यालय में सभी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो जाती.
वहीँ अखोड़ी के पूर्व प्रधान शरोप मेहरा ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहाँ उत्तराखंड के गांधी स्व० इंद्रमणि बडोनी जी की जन्मस्थली है व जहां के मूलनिवासी उत्तराखंड सरकार में पूर्व शिक्षा मंत्री रहे हो वहां के विद्यालय में यह हाल है तो बाकी दुरस्त क्षेत्रों का क्या कहना, उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी को देखते हुए अभिभावकों को अपने बच्चों के भविष्य के लिए मजबूर होकर धरना देना पड़ रहा है। उन्हें उम्मीद जताई कि शासन जल्द ही अभिभावकों की मांग की सुध लेगा व विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति करेगा.
(संवाद365/पवन)
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