देहरादून: कोरोना संकट के दौर में ग्राफिक एरा के द्वारा लगातार लोगों की मदद की जा रही है. ग्राफिक एरा ने जरूरतमंदों को राशन समाग्री देने के साथ पुलिसकर्मियों को शील्ड मास्क भी दिए हैं. इसके साथ ग्राफिक एरा के द्वारा कोरोना वारियरर्स और लोगों को मास्क, सेनिटाइजर भी बांटे हैं. इसी क्रम में ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी ने अपने छात्र-छात्राओं को क्वारंटाइन करने की व्यवस्था खुद की है. ट्रेन से मैसूर से पहुंचे छात्र-छात्राओं को संस्थागत क्वारंटाइन में भेजने के प्रशासन के निर्णय के बाद ग्राफिक एरा ने उन्हें अपने परिसर में रखने की व्यवस्था कर दी. आपदा की इस घड़ी में राहत और बचाव कार्यों के लिए प्रशासन को कई तरह से सहयोग करने के बाद ग्राफिक एरा ने ये नई पहल की है. आपको बता दें ग्राफिक एरा ग्रुप के अध्यक्ष डॉ कमल घनशाला ने मैसूर में फंसे छात्र-छात्राओं को देहरादून लाने की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत को साधुवाद देते हुए कहा कि कर्नाटक सरकार से सम्पर्क करके राज्य सरकार ने पूरी संवेदनशीलता के साथ यह कदम उठाया है। कई दिनों के इस सफर के दौरान सरकार ने रास्ते में कई स्थानों पर भोजन की व्यवस्था की. इन्फोसिस में इंटर्नशिप के लिए गए 52 छात्र-छात्राओं के इस दल का देहरादून पहुंचने पर स्पोर्ट्स कालेज में मेडिकल किया गया.
इसके बाद इन छात्र-छात्राओं को संस्थागत क्वारंटाइन के लिए कहीं और भेजा जा रहा था. जिसके बाद ग्राफिक एरा के अनुरोध पर अपर जिलाधिकारी बीर सिंह बुद्धियाल ने इस सभी को ग्राफिक एरा परिसर में संस्थागत क्वारंटाइन करने के लिए स्वीकृति दे दी. विश्वविद्यालय प्रशासन ने परिसर के भीतर इन छात्र-छात्राओं के लिए विशेष इंतजाम किया है. इनमें 25 छात्राएं भी शामिल हैं. गौरतलब है कि ग्राफिक एरा ने क्वारंटाइन के लिए खुद पहल करके राज्य सरकार को 60 अत्याधुनिक कक्ष पहले ही उपलब्ध करा दिए थे. किसी को भूखा न रहने देने के अभियान में ग्राफिक एरा 54 हजार किलोग्राम खाद्यान्न, दाल, तेल, चीनी, मसाले आदि उपलब्ध कराने के साथ ही हजारों मास्क और फेस सील्ड, सैनेटाइजर उपलब्ध करा चुका है.
अमित गुसांई/संवाद365