हरेला पर्व- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में किया वृक्षारोपण

July 16, 2022 | samvaad365

देवभूमि उत्तराखंड में प्रकृति के श्रृंगार के लिए वृक्षारोपण कर हरेला पर्व के जरिए शुरुआत हो गई है। जहां एक तरफ राज्य सरकार ने प्रदेश में 15 लाख पौधों के वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा है, जिसमें 50% फलदार प्रजाति के पौधों का रोपण किया जाएगा.

इस महाअभियान की जिम्मेदारी वन विभाग के कंधों पर डाली गई है। गौरतलब है कि राज्य के शहरों, गावों और कस्बों के साथ ही वन सीमा से सटे इलाकों में भी वृक्षारोपण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में त्रिफला हरड़, बेहड़ा, आँवला ,रुद्राक्ष के साथ ही फलदार और छायादार प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे। इस महा अभियान के अंतर्गत राज्य भर में 12 हजार से अधिक वन पंचायतों में 75 हजार पौधे लगाने की जिम्मेदारी वन पंचायतों को भी दी गई है। जहां महा अभियान की शुरुआत सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वृक्षारोपण करके की, तो वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में भी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में वृक्षारोपण कर हरेला पर्व मनाया.

इस मौके पर उन्होंने कहा कि हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है कि वृक्षारोपण करने के बाद लगाए गए वृक्षों का संवर्धन किया जाए। वहीं उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पौधे लगाकर छोड़ दिए जाएं तो उससे ये अभियान सफल नहीं हो पाता, सरकार के पास तो इतना बड़ा सेटअप है कि 100 में से 80 प्रतिशत पौधों का संरक्षण और विकास कर सकती है। उन्होंने कहा कि हरेला पर्व सनातन धर्म सनातन धर्म से जुड़ा हुआ पर्व है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की संस्कृति विदाई है हमारे देश की संस्कृति भी रही है कि वायु जल और प्रकृति और पशुओं की पूजा की जाती है। उसी प्रकार से हरेला पर्व कब मनाया जाता है। माना जाता है कि आज के दिन उत्तराखंड में होने वाले सात अनाजों की भी पूजा की जाती है, इसी कड़ी में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग अपने घरों के आसपास और जंगलों में वृक्षारोपण कर इस पर्व को मनाते हैं लेकिन आज पूरे उत्तराखंड में इस पर्व को बड़ी धूम-धाम से मनाया जा रहा है।

वहीं उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में बड़ी संख्या में वृक्षारोपण किया जाना चाहिए था, साथ ही उन्होंने कहा कि देहरादून के आसपास के क्षेत्रों पर पेड़ों का कटान हो रहा है, किसे बहुत बड़ी क्षति प्रकृति के हो रही है, जिसकी भरपाई कम वृक्षारोपण से नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक घोषणा और की थी कि हर कावड़ यात्री को एक-एक पौधा लगाने के लिए दिया जाएगा। लेकिन यह घोषणा भी मात्र घोषणा बन कर रह गई।

(संवाद 365, संदीप रावत)

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