हरिद्वार: आगामी 5 अगस्त को रामलला के मंदिर की नींव पर साधुओं में मदभेद उभरे जिसमें शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा राम मंदिर के भूमि पूजन के मुहूर्त का विरोध करने पर हरिद्वार के साधु संतों में तीखी प्रतिक्रिया है. साधु संतों ने कहा कि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती कांग्रेसी मानसिकता के व्यक्ति हैं और वह साधुगिरी कम राजनीति ज्यादा करते हैं, वह हमेशा ही कांग्रेस के गुणगान करते हैं इसलिए वे राम मंदिर के किसी भी कार्य का विरोध करते हैं.
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा राम मंदिर शिलान्यास के मुहूर्त को लेकर उठाए गए सवाल पर संत समाज स्वरूपानंद सरस्वती के विरोध में उतर गया है, अंतर्राष्ट्रीय जूना अखाड़े के संगठन मंत्री विनोद गिरी महाराज का कहना है की राम मंदिर को लेकर हमेशा ही संदेह की स्थिति रही है। और अब जब मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होने वाला है. तो ऐसे में कुछ लोग जनता को गुमराह करने के लिए यह कार्य कर रहे हैं.
वहीं श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य स्वामी परमानंद महाराज ने कहा कि करोड़ों हिंदुओं की आज भावना पूरी हुई है. लेकिन कुछ लोग आज भी सिसासी शब्द बोल रहे हैं। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के माध्यम से आगामी 5 अगस्त को शिलान्यास की घोषणा की गई है. इसको लेकर स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा शिलान्यास के मुहूर्त पर सवाल उठाए गए तो वही इस मुद्दे पर साधु संत ही स्वरूपानंद सरस्वती के खिलाफ खड़े हो गए हैं.
यह खबर भी पढ़ें-चमोली: भालू हमले से घायल महिला का हालचाल लेने पहुंचे कांग्रेस प्रदेश महामंत्री हरिकृष्ण भट्ट
संवाद365/नरेश तोमर