हरिद्वार: विश्व गौरैया दिवस पर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के जंतु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग में कार्यशाला का आयोजन

March 21, 2021 | samvaad365

हरिद्वार: विश्व गौरैया दिवस पर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के जंतु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग में कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें पहुंचे कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने गौरैया के धीरे-धीरे विलुप्त होने पर चिंता जताई.

गुरुकुल में पक्षीविदों ने जिस तरह गौरेया व अन्य पक्षियों के संरक्षण एवं संवर्धन का जो संकल्प लिया है वो सराहनीय, गुरुकुल के कुलपति रूपकिशोर शास्त्री ने बताया की हमारे द्वारा लगातार गौरैया संरक्षण के लिए कार्य किये जा रहें हैं ,कार्यक्रम समन्वयक एवं प्रख्यात पक्षीविद् प्रो. दिनेश चंद्र भट्ट ने कहा कि प्रकृति प्रेमियों एवं पर्यावरण का अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों के लिए जरुरी है कि वे गौरैया व अन्य पशु-पक्षियों के संरक्षण एवं संवर्धन के महत्व को समझें और जानें कि भारत के शहरों से गौरेया क्यों गायब हो रही है। बताया कि औद्योगिकीकरण एवं नगरीकरण के चलते जीवों के प्राकृतिक आवास सिकुड़ते जा रहे हैं। इससे गौरैया के समान अन्य पशु, पक्षी भी विलुप्त हो रहे हैं। प्रो. भट्ट ने पिछले 10 वर्ष में गौरैया संरक्षण के क्षेत्र में किए शोध कार्य पर चर्चा करते हुए बताया कि उत्तराखंड के प्राय: सभी शहरों में गौरैया की संख्या में लगभग 60.70 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। हालांकि इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि ग्रामीण अंचलों में गौरेया अभी भी दिखाई दे रही है और अब उनके प्रयास से गौरैया की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और वो चाहते हैं की आने वाली पीढ़ी इनके संरक्षण के लिए कार्य करें.

(संवाद 365/नरेश तोमर)

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