समाज की रूढ़िवादी परम्परा को तोड़ अब चौका चुल्हा करने वाली महिलाएं भी आजीविका संवर्द्धन कर परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत करने में जुटी हैं. टिहरी जिले के चम्बा के नजदीकी ग्राम पंचायत दिखोलगांव की रहने वाली सविता रावत ने मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में शानदार सफलता हासिल की है. सविता ने पहले तो गांव में 4-5 महिलाओं के समूह बनाये. फिर समूह के माध्यम से मशरूम उत्पादन शुरू किया.
आलम यह है कि अब सविता के साथ गांव की 20 महिलाओं को भी रोजगार मिल रहा है. सविता साधरण घर से हैं, उनके पति प्राइवेट जॉब करते हैं। ऐसे में उन्होंने सोचा कि क्यूं न स्वरोजगार के क्षेत्र में कार्य किया जाए। आज सविता करीब एक महीने मैं अच्छा मशरूम उत्पादन कर रही है व उसको बाजार मे बेच भी रही है. जिससे उनकी आजीविका तो हो रही है। उनके साथ जो महिलायें उनके साथ समूह मै काम कर रही है। उनको भी अच्छा खासा रोजगार उत्पन्न हो रहा है. सविता का कहना है कि वह 1 वर्ष से मशरूम उत्पादन का कार्य कर रही है. अब उनके साथ और महिलायें भी जुड़ रही है। उनका कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य पलायन और आजीविका बढ़ाने के लिए कार्य करना है.
सविता रावत पहाड़ की वो महिला हैं जो महिला सशक्तिकरण के नारे को बुलंद करती हैं. लेकिन इसमें यदि सरकार की भागीदारी और बढ़ जाए तो निश्चित तौर पर अन्य महिलाएं भी इससे लाभान्वित होंगी.
(संवाद 365/ बलवंत रावत)
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