नरेंद्रनगर- पहाड़ों में कृषि और बागवानी की खेती को लेकर हुआ प्रशिक्षण कार्यक्रम

April 2, 2022 | samvaad365

विकास खंड नरेन्द्रनगर की ग्राम पंचायत बनाली की प्रशिक्षण बैठक में औषधीय गुणों से भरपूर पौधों की नर्सरी उगाने का निर्णय,हिमांचल की तर्ज पर यहां के काश्तकार बनायेंगे बागवानी को रोजगार का जरिया

कृषि विभाग टिहरी द्वारा संचालित परंपरागत कृषि विकास योजना अंतर्गत गोविंद दर्शन जन विकास सहकारी समिति लिमिटेड तथा श्री राम सॉल्वेंट एक्सट्रेक्शंस प्राइवेट लिमिटेड जसपुर/काशीपुर के संयुक्त तत्वावधान में विकासखंड नरेंद्रनगर की ग्राम पंचायत बनाली के पंचायत भवन में जैविक खेती को बढ़ावा देने के मकसद से काश्तकारों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया.

बरसों-बरसों से देशभर में औषधीय पौधों को उगाने के लिए काश्तकारों और समाज के बीच जाकर उन्हें प्रेरित करने वाले पेड़ बाबा के नाम से मशहूर स्वामी डॉ० शिव नाथ मिश्रा भी इस बैठक में पहुंचे।
डा० शिव नाथ मिश्रा ने औषधीय गुणों से युक्त मोरिंगा,सहजन,कृष्णा आदि पौधों की खूबियां बताते हुए कहा कि इनके सेवन से व्यक्ति निरोग रहता है, ये औषधीय युक्त गुणों से भरपूर पौधे हैं,दक्षिणी भारत में इन पौधों की खेती करके काश्तकारों ने रोजगार का जरिया बनाया हुआ है, उन्होंने बताया कि इनको उगाने में खास मेहनत भी नहीं करनी पड़ती और जंगली जानवर इन्हें नुकसान नहीं पहुंचाते, हर किस्म की जलवायु में उग जाते हैं,बाजार में फली 600 रू० किलो और जूस 900 रू०गिलास बिकता है,इन पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए काश्तकारों को बहुत जागरूक करने की जरूरत है और खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में, ताकि काश्तकार स्वावलंबी बन सकें.

बैठक में उपस्थित महिलाओं ने इन पौधों की खेती करने का संकल्प लिया, प्रशिक्षण बैठक में बनाली गांव में इन पौधों की नर्सरी उगाने के साथ खेती करने का निर्णय लिया गया है, बैठक में गोविंद दर्शन जन विकास सहकारी समिति के अध्यक्ष दर्शन शाह तथा कृषि विभाग के फील्ड ऑफिसर राजवीर सिंह, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर प्रदीप सैनी व नमामि गंगे के पंकज सैनी ने बैठक में उपस्थित काश्तकारों को जैविक तथा जड़ी-बूटी पर आधारित कृषि के साथ बागवानी के क्षेत्र में दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ काश्तकारों को काम करने के प्रति प्रेरित किया, प्रशिक्षण बैठक के इस कार्यक्रम में निर्णय लिया गया है कि हिमांचल की तर्ज पर इस पहाड़ी क्षेत्र में कृषि और बागवानी को बढ़ावा देने के लिए मनोयोग से काम किया जाएगा तथा कृषि और बागवानी को रोजगार का जरिया बनाया जाएगा.

(संवाद365/वाचस्पति रयाल)

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