रुद्रप्रयाग: हादसों को दावत दे रहा है रुद्रप्रयाग का पुल, भारी आवाजाही से जर्जर हो चुका है पुल

October 3, 2020 | samvaad365

रुद्रप्रयाग: 60 के दशक में रूद्रप्रयाग को केदारघाटी और तल्लानापुर क्षेत्र से जोड़ने वाला पुल जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण जर्जर हो चुका है, जो कभी भी किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकता है। आलम यह है कि इस पुल की स्थिति जैसे-जैसे दयनीय होती जा रही है इस पर वाहनों का बोझ और अधिक बढ़ रहा है। एक बार में 16 टन की क्षमता वाले इस पुल में अब एक साथ कई बार 30 से 40 टन की भारी भरकम मशीनें ले जायी जा रही हैं। 2013 की आपदा के बाद पुनर्निर्माण के कार्यों को सम्पादित करने वाली भारी भरकम मशीनें भी इसी पुल से ले जायी गई जबकि 2013 की आपदा की बाढ़ ने इस पुल को भारी कमजोर कर दिया था।

इधर राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड द्वारा कई बार नये पुल की सर्वें कर डीपीआर बनाकर केन्द्र सरकार भेज दी है किन्तु स्वीकृति नहीं मिल पाई है। इस बार पुनः एनएच के अधिकारियों का कहना है कि यहां पर नये पुल की सम्पूर्ण औपचारिकताएं पूरी कर डीपीआर प्रक्रिया में है जिसे जल्दी स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा।

सवाल यह है कि आखिर जब इस पुल पर कोई बड़ा हादसा होगा तो उसके बाद सरकारें पुल की स्वीकृति देगी। दुर्भाग्यपूर्ण यह भी है कि हर रोज इस पुल से गुजरने वाले जिला प्रशासन के अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी जर्जर हो चुके इस पुल के नवर्निर्माण की दिशा में आँखमूँद कर बैठे हैं। ऐसे में अगर जल्द पुल का निर्माण नहीं होता है तो यह पुल कभी किसी बड़ी अनहोनी को जन्म दे सकता है।

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संवाद365/कुलदीप राणा 

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