बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के खिलाफ तीर्थ पुरोहित का विरोध, कांग्रेस ने भी सरकार को घेरा

August 17, 2023 | samvaad365

बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत पुनर्निर्माण कार्य तेजी से चल रहे है। इस वर्ष आखिर तक बद्रीनाथ में मास्टर प्लान के ज्यादातर कार्य पूरे करने का लक्ष्य रखा गया है। बता दें कि मास्टर प्लान के तहत बद्रीनाथ मन्दिर के आसपास 75 मीटर के दायरे में सारे निर्माण कार्य हटाने की योजना है ताकि मन्दिर की भव्यता दिखाई दे। यहां अलकनंदा रिवर फ्रंट और प्लाजा बनेगा। साथ में क्लॉक रूम, यात्रियों की कतार व्यवस्था, झीलों का सौंदर्यीकरण और पार्किंग व्यवस्था के साथ सड़क निर्माण किया जाना है। सरकार का कहना है कि इससे धाम अधिक “व्यवस्थित और सुन्दर” होगा और बद्रीनाथ एक “स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन” बन जाएगा। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि मास्टर प्लान को लागू करने में नियमों की अवहेलना हुई और लोगों को अपनी आपत्ति दर्ज करने का मौका नहीं मिला। मास्टर प्लान कैसे लागू हो इसके लिए उत्तराखंड अर्बन एंड कंट्री प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट में व्यवस्था है। स्थानीय दुकानदारों और तीर्थ पुरोहितों के साथ हक हकूकधारियों ने कई गंभीर सवाल उठाए हैं। आंदोलन पर बैठे पंडा पुरोहित का कहना है कि बिना किसी नोटिस के ही घरों को तोड़ा जा रहा है और घर तोड़ने के बाद मुआवजा का भी कोई प्रावधान नहीं है।

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बता दें कि मास्टर प्लान के विरोध में स्थानीय और हकहकूकधारियों के आंदोलन को 35 दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक उनके किसी मांग पर कोई ठोस कार्रवाई न होने से लोगों में लगातार आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पंडा पुरोहित का कहना है कि प्रशासन के बहकावें में आकर लोग अपना घर छोड़ धर्मशाला में रह रहे हैं। लेकिन शासन-प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहैा है।

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तीर्थ पुरोहितों हकहकूक धारी और स्थानीय जनता के साथ-साथ अब राजनीतिक दल भी इन आंदोलकारियों के समर्थन में उतर रहे हैं। कांग्रेस के उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने बद्रीनाथ धाम में चल रहे पुनः निर्माण कार्यों को लेकर सरकार पर सवाल उठाए। मथुरा दत्त जोशी ने कहा की पंडा पुरोहित हक हकूक धारी लंबे समय से सरकार के खिलाफ विरोध कर रहे हैं क्योंकि स्थानीय व्यापारियों को बिना कोई नोटिस दिए वहां से हटाया गया। 75% व्यापारियों की दुकानों को पूरी तरह से ध्वस्त किया जा चुका है। 30% हक हकूक धारी, पंडा पुरोहित के मकानों को तोड़ा जा चुका है ऐसे में व्यापारियों का काम पूरी तरह से ठप हो गया।

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उधर, कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता ने भी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि बदरीनाथ मास्टर प्लान के तहत व्यापारियों, तीर्थपुरोहितों और हक़ हकूबधारियों के साथ जो अन्याय किया जा रहा है उसे रोका जाए। गरिमा दसौनी ने कहा कि सरकार लगातार इनकी मांगों को नजरअंदाज कर वहां ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रही है। सरकार इनकी ग्यारह सूत्रीय मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के मास्टर प्लान से वहां के व्यापारियों और हक हकूकधारियों पर रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

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बद्रीनाथ धाम के नारायणपुरी में व्यापारियों की 75 प्रतिशत दुकानं, 50 के करीब पुरोहितों के मकानों को उहा दिया गया है। सरकार ने ना कोई कंपनसेशन ना कोई मुआवजा और ना ही विस्थापन की कोई नीति बनाई है… ऐसे में पिछले डेढ़ महीने स बद्रीनाथ का तीर्थ पुरोहित समाज और व्यापार सभा मास्टर प्लान संघर्ष समिति के तहत कार्मिक अनशन कर रहे हैं, और 14 अगस्त 2023 से तो उन्होंने आमरण अनशन भी शुरू कर दिया है लेकिन शासन-प्रशासन के कानो में जूं तक नहीं रेंग रही है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि देश विदेश के श्रद्धुओं को सुविधा देने के लिए किए जा रहे विकास का खामियाजा उन श्रद्धालुओं की पूजा अर्चना आस्था का ख्याल रख रहे पुरोहितों हकहकूकधारियों और व्यापारियों को भुगतना….क्या ये सही है….क्या ये उनके साथ कुठाराघात नहीं?

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