उत्तराखंड में कई मठ और मंदिर प्रसिद्ध हैं। इनमें से एक है पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग तहसील मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर नौलिंग बंजैंण मंदिर। इस मंदिर में साल भर भक्त पूजा अर्चना के लिए आते हैं लेकिन नवरात्रियों में यहां पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।
भगवान मूल नारायण के दो पुत्र बंजैण और नौलिंग का मंदिर उडियारी गांव में स्थित है। गांव में स्थित घने बांज के जंगल के बीच ये मंदिर पुरानी शैली से बना हुआ है। ये मंदिर इस पूरे क्षेत्र की आस्था का केंद भी है। मान्यता है सच्चे मन से मन्नत मांगने पर वो जरूर पूरी होती है।
शरादीय नवरात्रों में गांव के लोग 10 दिनों तक मंदिर में दिन रात यहीं पर रहकर पूजा अर्चना करते हैं। दस दिनों तक प्रत्येक दिन अलग अलग परिवारों के द्वारा सामूहिक पूजा का आयोजन भी होता है। जिसके बाद दोपहर को भोग लगाया जाता है। वहीं शाम के समय यहां पर भव्य आरती का आयोजन होता है। नवमी के दिन यहां पर भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है।
शरादीय नवरात्री के दौरान नौंलिग बजैंण मंदिर उडियारी में भक्तों की यह आस्था मंदिर में देखने से मिलती है। नवरात्रियों यहां पर भक्तों की आस्था का सैलाब उमड़ पड़ता है। पर्यटक स्थल चैकोड़ी से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थिति इस मंदिर को पर्यटन से भी जोड़ा जा सकता है।
(संवाद 365/प्रदीप महारा )
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