टिहरी: कोरोना महामारी के इस आपातकालीन समय में देश-दुनिया से लौटे लोगों को संगरोध में रखने के लिए बनाये गए क्वारंटाइन केंद्रों पर सभी का ध्यान केंद्रित है. क्वारंटाइन केंद्रों के व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठे हैं. क्वारंटाइन केंद्रों को बनाने और संचालित करने में कई ग्राम प्रधान ख़ामोशी से लगे हैं। ऐसे ही एक युवा प्रधान हैं कुलबीर सिंह। टिहरी जिले के नरेंद्र नगर ब्लॉक के ग्राम पंचायत थाने के 29 वर्ष के प्रधान कुलबीर सिंह समाज में रिवर्स पलायन का भी उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं. प्रधान बनने से पहले कुलबीर भारतीय जीवन बीमा निगम देहरादून में एडवाइजर के पद पर काम करते थे. गांव में प्रधान का चुनाव लड़ने के लिए नौकरी छोड़कर पूरी तरह से गांव लौटे कुलबीर को गांव वालों ने चुनाव में विश्वास दे दिया और वे प्रधान बन गए.
अब कुलबीर भी गांव वालों के विश्वास को बरक़रार रखने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. सरकार के द्वारा क्वारंटाइन केंद्रों की व्यवस्था प्रधानों के कन्धों पर डालने के बाद से ही कुलबीर अपने गांव के लोगों की भागीदारी लेकर क्वारंटाइन केंद्रों के व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने में लगे हैं. क्वारंटाइन केंद्र में पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए गांव की 14 किलोमीटर लम्बी पाइप लाइन की मरम्मत की गई. ग्राम पंचायत थान में तीन क्वारंटाइन केंद्र बनाये गए वहीं गांव लौटने वालों की संख्या ज्यादा होने पर राइका जाजल को भी प्रशासन और विद्यालय परिवार से अनुरोध करके क्वारंटाइन केंद्र बनाया गया है. खेती किसानी को ही अपनी आजीविका बनाने वाले कुलबीर क्वारंटाइन केंद्रों की व्यवस्था पर अपनी जेब से हजारों रूपये लगा चुके हैं. ग्राम पंचायत के प्रधान कुलबीर के द्वारा किये जा रहे कार्यों की क्षेत्र के लोग सराहना कर रहे हैं।
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संवाद365/बलवंत रावत