एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध की झील का जलस्तर बढ़ा, 829.50 आरएल मीटर तक पहुंचा झील का पानी

September 22, 2021 | samvaad365

एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध की झील का जलस्तर बढ़ गया है जिससे कोटी कॉलोनी में पर्यटन विभाग के द्वारा बनाये गए आस्था पथ, टेंट, फुटपाथ, पर्यटकों को आने-जाने के रास्ते, यात्री विश्राम सेड, डूब गए हैं और वोटिंग पॉइंट तक आने के लिए लोग जान जोखिम में डालकर पहुंच रहे हैं । बता दे की उत्तराखंड सरकार ने टीएचडीसी को 830 आरएल मीटर पानी भरने की अनुमति दी गई थी,और झील का जलस्तर  गया है । अब सिर्फ 830 आरएल मीटर जलस्तर होने के लिए मात्र 50 मीटर बचा हुआ है ।

बता दे की इससे पहले 830 आरएल मीटर तक झील का जलस्तर  2013 की आपदा में पहुंचा था,जिसमे टीएचडीसी में हड़कंप मच गया था और पानी निकासी के लिए साइड के स्पील वे खोल दिये गए थे ,जिससे पहाड़ो की तरफ भागीरथी व भिलंगना नदी से आ रहे तेज पानी को रोककर धीरे धीरे स्पील वे से छोड़ा गया। 2013 के आपदा में टिहरी डेम मैदानी इलाकों के लिए सुरक्षा की दीर्ष्टि से बरदान साबित हुआ,क्योंकि पहाड़ो से जो तेज बारिश के साथ पानी आया उसे टिहरी डेम ने रोककर कोटेश्वर,देवप्रयाग, ऋषिकेश, हरिद्वार, सहित आगे के इलाकों को तबाही से बचाया ।

 

हालांकि अब टिहरी झील का जलस्तर लगातार बढ़ने से कोटी कॉलोनी में पर्यटन विभाग के द्वारा बनाये गए आस्था पथ, टेंट, फुटपाथ, पर्यटकों को आने-जाने के रास्ते, यात्री विश्राम सेड, डूब गए हैं जिससे कोटी कॉलोनी के किनारे वोटिंग पॉइंट तक  पर्यटकों को आने जाने की समस्या से जूझना पड़ रहा है और लोग जान जोखिम में डालकर बोटिंग प्वाइंट तक पहुंच रहे हैं । सबसे बड़ा आश्चर्य की बात है कि पर्यटन विभाग के द्वारा बनाए गए करोड़ों रुपए की संपत्ति आज झील में डूब गई जिससे उत्तराखंड सरकार के द्वारा लगाए गए पैसे बर्बाद हो गया है । वही पर्यटन विभाग के अधिकारी का कहना है कि टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से पर्यटन विभाग के संपत्ति को नुकसान हुआ है।

संवाद365, डेस्क

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