उत्तराखंड में सड़क हादसे कम नहीं हो रहे हैं। सड़कों की हालत में सुधार होने के बावजूद हादसे में इजाफा हो रहा है। उत्तराखंड में 14 महीने में 1138 लोग सड़क हादसों में जान गंवा चुके हैं। यानि, 80 से ज्यादा लोगों की प्रतिदिन एक्सीडेंट में मौत हो रही है। इस समयावधि में हुए 1922 हादसों में 1558 लोग घायल भी हुए। वर्ष 2021 में 1405 हादसों में 820 लोगों की मौत हुई है। अधिकांश हादसों की वजह ओवर स्पीड बताई गई है।
हादसे सिर्फ पहाड़ी क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि मैदानी क्षेत्रों में भी हो रहे हैं। वर्ष 2020 में प्रदेश में कुल 1041 हादसे हुए हैं, जिसमें 674 लोगों की मौत हुई है। इसमें ओवर स्पीड से 671 हादसे हुए हैं, जिसमें 430 लोगों की मौत हुई है। वर्ष 2021 में कुल 1405 हादसे हुए हैं, जिसमें 820 लोगों की मौत हुई है।
इसमें 1079 यानि 77 फीसदी हासदे ओवर स्पीड की वजह से हुए हैं, जिसमें 582 लोगों की मौत हुई है। इस साल अप्रैल महीने तक 517 सड़क हादसों में 318 लोगों की मौत हो चुकी है। बढ़ते सड़क हादसे चिंताजनक बनते जा रहे हैं। परिवहन विभाग हालांकि चेकिंग के दावे करता है, लेकिन दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग की कार्रवाई नाकाफी है। पहाड़ी क्षेत्रों में वाहनों में ओवरलोडिंग बड़ी समस्या है।
पिछले छह साल में हुए सड़क हादसे
वर्ष कुल हादसे मृतक घायल
2016 1591 962 1735
2017 1603 942 1631
2018 1468 1047 1571
2019 1353 866 1459
2020 1441 674 854
2021 1405 820 1091
2022 517 318 467
संवाद 365, दिविज बहुगुणा
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