टिहरी जनपद के जौनपुर ब्लॉक स्थित भुयाँसारी गाँव में उत्तरजन समूह के सदस्यों की मौजूदगी में विमल नौटियाल ने रविवार (जनवरी 31, 2021) को वृक्षारोपण के कार्यक्रम का उद्घाटन किया.
विमल नौटियाल विगत कुछ समय से पलायन और आजीविका पर काम करने का मन बना रहे थे। वह स्वयं कई नामी राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में हैड शेफ़ के रूप में कार्य कर चुके हैं।अपने गाँव तथा क्षेत्र का लगाव उन्हें वापस लौटा लाया.
कोरोना काल में वो अपने गाँव लौटे और इस समय का सदुपयोग करने के लिए खेती, बागवानी और नगदी फसलों के माध्यम से बंजर जमीन को पुनर्जीवित करने का फैसला किया. पलायन सदैव ही उत्तराखंड का एक प्रमुख चिंतन और विषय रहा है। ऐसे में विमल नौटियाल ने 600 सेब के पेड़ लगाने के साथ अपने द्वारा ही ‘रिवर्स माइग्रेशन’ की पहल करने का मन बनाया। विमल ने बताया कि वो अब तक गाँव मे ही 500 से अधिक दिनों का रोजगार ग्रामीणों को दे चुके हैं और अपने मिशन को लेकर भी आशान्वित हैं.
वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि दरअसल हमारी ‘पलायन’ और ‘गाँव’ पर होने वाली हर बहस अन्तहीन और निरुद्देश्य है और उसका रास्ता सिर्फ ज़मीन पर ठोस काम करने से निकलेगा.
31 जनवरी 2021 को पूर्वाह्न 10.30 बजे टिहरी जनपद के जौनपुर ब्लॉक के भुयाँसारी गाँव में बैठक आयोजित की गई, जिसमें समस्त ग्रामीणों ने भी हिस्सा लिया और नगदी फसलों के साथ ही खेती करने के नए तरीकों को लेकर भी सवाल उठाए. इसके बाद ‘उत्तरजन’ की टीम ने भुयांसारी गाँव में सेब, नेक्टरीन, परिसीमन, कीवी, बोगनबेलिया एवं कुछ अन्य फलदार पौधों को रोपा। लोकेश नवानि ने कहा कि विमल नौटियाल का यह प्रयास पहाड़ में उत्पादकता और खुशहाली पर चल रही शहर केंद्रित चर्चाओं के विपरीत धरातल पर एक वास्तविक कार्य साबित होगा और यह उत्तरजन का पहला ग्रामकेन्द्रित प्रयोग भी है जो पूरी तरह समाज के सहयोग से किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि उत्तरजन पहाड़ के नाम पर बनी सभी सामाजिक संस्थाओं और प्रवासी समूहों से भी यह अपील करता है कि वे किसी न किसी गाँव को फलदार पौधे लगाने के लिए गोद लें और इस माध्यम से गाँवों को उत्पादकता के नए आयामों और विकल्पों जोड़ने की मुहिम का हिस्सा बनें.
(संवाद 365/मुकेश रावत)
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