परेड ग्राउंड में उत्तराखंड हथकरघा और हस्तशिल्प विकास परिषद उद्योग निदेशालय देहरादून व विकास आयुक्त भारत सरकार के सहयोग से नेशनल हैंडलूम एक्सपो का आयोजन किया गया है।जिसमें पहले दिन सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया तथा शाम के पहर में ढ़ोल-दमाऊ की थाप पर लोग खूब थिरके।
परेड ग्राउंड में 21 दिनों तक चले नेशनल हैंडलूम एक्सपो में दून के लोगों ने सवा छह करोड़ रुपये की खरीददारी की। इससे एक्सपो में आए 17 राज्यों के 200 बुनकरों के चेहरों पर खुशी देखने को मिली। अच्छी कमाई से उद्योग निदेशालय भी गदगद नजर आया। अब निदेशालय ने हल्द्वानी में मिनी एक्सपो आयोजित करने की योजना बनाई है।
आयोजक उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद उद्योग निदेशालय, देहरादून एवं प्रायोजक विकास आयुक्त (हथकरघा) भारत सरकार द्वारा नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में मंगलवार जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने शुभ संध्या के साथ सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रमों का शुंभारंभ किया। नैशनल हैण्डलूम एक्सपो में हिमालय रत्न ने मैजान्दू मेरी बसंती, शिव जागर, मिजाजी हौसिया, जमाया-जमाया (राज राजेश्वरी जागर), भीमा कठैत/ग्यानू माला पवाणा, सुन्दरा छोरी, मोरी रखिया खोली, नारायणी एक के बाद एक लोक गीतों की प्रस्तुति देकर परेड़ ग्राउड में मौजूद सभी लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। लोक गायिका मंजू सुन्दरियाल एवं जागर सम्राट की पूरी टीम ने उनका साथ दिया।
मंगलवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल ने बताया कि प्रीतम भरतवाण ने उत्तराखण्ड की संस्कृति को 22 देशों में पहुंचाया है, 2018 में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा इनको डॉक्ट्रेट मान्द उपाधि भी मिली है। प्रीतम भरतवाण 2011 से अमेरिका के विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर एवं जर्मनी, कनाडा सहित 6 विश्वविद्यालयों में मध्य हिमालयी लोक संगीत और वाध्य यन्त्रों के माध्यम से जानकारी व हिमालय की संस्कृति को संरक्षित रखने का कार्य कर रहे हैं। प्रीतम भरतवाण को भागीरथी पुत्र, हिमालय रत्न, गढ़ लोक गायक व विशेष रूप से जागर सम्राट के नाम से पुकारा जाता है। उन्होंने कहा कि प्रीतम भरतवाण जागर और पंवाडा गायन शैली के विशेषज्ञ हैं।
एक्सपो में मंगलवार को भारी भीड़ देखने को मिली संध्या में प्रीतम भरतवाण की प्रस्तुति को देखने के लिए भी परेड़ ग्राउड में दूनवासियों का जमावाड़ा लगा रहा। देश के सभी जगहों से अलग-अलग तरह के हथकरघा से बने कपड़े उपलब्ध हैं। जयपुर, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड और कई अन्य शहरों के स्टाल लगाये गये हैं। जिसमें हथकरघा व हस्तशिल्प बुनकरों द्वारा निर्मित उत्पादों को लगातार पसंद किया जा रहा है। मंगलवार को भीड़ देखकर सभी हथकरघा बनुकरों के चेहरे खिले रहे।
मेला अधिकारी केसी चमोली ने कहा कि दूनवासियों की हथकरघा व हस्तशिल्प बुनकरों द्वारा निर्मित उत्पादों के प्रति प्रेम को देखते हुए मेले को 10 जनवरी तक जारी रखने का निणय लिया। उन्होंने सभी हथकरघा बुनकरों से आग्रह किया कि एक दिन और अपने स्टॉलों को खुला रखें।
नैशनल हैण्डलूम एक्सपो सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल, उप निदेशक शैली डबराल, मेला अधिकारी केसी चमोली, जगमोहन बहुगुणा, एम0 एस0 नेगी, आर0के0 मंमगई, कुँवर सिंह बिष्ट, राजेन्द्र कुमार आदि उपस्थित रहे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मंच का संचालन अनिल गोदियाल ने किया।
इस दौरान 9 जनवरी को छात्रों व युवाओं की सामाजिक संस्था प्राउड पहाड़ी द्वारा द्वितीय घुघूती मकर संक्रांति महोत्सव भी धूमधाम से मनाया गया. आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि मसूरी विधायक गणेश जोशी ने कार्यक्रम में शिरकत की.
आयोजन में बच्चों द्वारा कई कार्यक्रम पेश किए गए इसके साथ ही उभरते हुए कलाकार दीपा धामी,सूरज त्राटक और उनकी टीम द्वारा खुबसूरत लोकगीत प्रस्तुत किये गए.इसके साथ ही युवा कलाकार करण रावत द्वारा लोकगीतों से पप्पू कार्की को याद किया गया.
इस आयोजन में शेक्षिक व सामाजिक छेत्र में कार्य करने वाले 22 लोगों को सम्मानित किया गया. साथ ही रुद्रप्रयाग में हाईटेंशन तार की चपेट में आकर घायल हुई बच्ची के इलाज के लिए हेल्पिंग हैंड्स केम्पेन के तहत सहयोग राशि भी जुटाई गई.
प्राउड पहाड़ी संस्था के अध्यक्ष गणेश धामी ने कहा कि संस्था समय-समय पर मैराथन,हेल्पिंग हैंड और घुघुती जैसे सामाजिक महत्त्व के आयोजन करती रही है तो वहीं मसूरी विधायक गणेश जोशी ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम पहाड़ की संस्कृति को देहरादून में जीवंत कर रही हैं.
गुरुवार को एक्सपो का विधिवत समापन हो गया है। इस दौरान एक्सपो में विभिन्न राज्यों से आए बुनकरों ने अपने उत्पाद बेचे। समापन के अवसर पर कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनके व्यस्त होने के चलते समापन उप निदेशक शैली डबराल के हाथों किया गया। इस मौके पर एक्सपो में शामिल हुए बुनकरों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। उप निदेशक डबराल ने बताया कि पिछले साल पांच करोड़, 62 लाख रुपये की बिक्री हुई थी। इस साल यह आंकड़ा छह करोड़, 12 लाख तक पहुंच गया। जबकि 20 लाख से ज्यादा की बिक्री बिना जीएसटी वालों की हुई होगी। उन्होंने बताया कि अकेले उत्तराखंड राज्य के बुनकरों के सवा करोड़ के उत्पाद बिके। उधर, अच्छी बिक्री और आम लोगों का हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के प्रति आकर्षण देखते हुए हल्द्वानी में भी मेले के आयोजन की तैयारी शुरू कर दी गई है। समापन कार्यक्रम में मेला अधिकारी केसी चमोली, जगमोहन बहुगुणा, एसएस नेगी आदि मौजूद रहे। खूब बिकीं सिल्क की साड़ियां और सूट एक्सपो में सिल्क की साड़ी और सूट को महिलाओं ने खूब पसंद किया है। यही कारण रहा कि आंध्रप्रदेश की सिल्क सोसायटी ने सबसे ज्यादा बिक्री कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। दूसरे स्थान पर तमिलनाडू सिल्क के उत्पाद बिके। जबकि उत्तराखंड में नवाज कोआपरेटिव सोसायटी, काशीपुर प्रथम तथा हिमालय अंगोरा समिति को दूसरा तथा कुटीर उद्योग समिति को तीसरा स्थान मिला। लद्दाखी उत्पाद आए पसंद
एक्सपो में पहली बार शामिल हुए कारगिल, लद्दाख के बुनकरों के उत्पादों को लोगों ने खूब पसंद किया। लद्दाख के बुनकरों ने बर्फीले क्षेत्र में रहने वाले याक की ऊन से बने उत्पाद यहां बेचे।
यह ख़बर भी पढ़े- स्वस्थ भारत यात्रा द्वारा लोगों को स्वस्थ रहने के दिए गए टिप्स
यह ख़बर भी पढ़े- हरीश रावत की खिचड़ी पार्टी में उमड़ी लोगों की भीड़
देहरादून/संध्या सेमवाल