उत्तराखंड कर्मचारी संगठन के लगभग तीन लाख से अधिक कर्मचारियों ने अपनी मांगो को लेकर एक दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं इस अवकाश को सरकार को चेताने का मतलब से किया गया है,कर्मचारियों के एक साथ अवकाश पर चले जाने से उत्तराखंड सचिवालय से लेकर सभी ऑफिसों में सन्नाटा पसरा है और कामकाज ठप्प पड़ गया है तो दूसरी ओर सरकार के कान खड़े हो गए हैं।कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नही मानी तो अगली चार तारीख से पूरे राज्य के कर्मचारियों को हड़ताल पर जाना होगा।
कर्मचारी संघठन की प्रमुख मांगें इस प्रकार है-
1.मकान किराए भत्ते की देयता 8, 12 और 16% के अनुरूप मंजूर करते हुए अन्य देय भत्तों में बढ़ोतरी की जाए
2.राज्य निगम कर्मचारियों के वर्तमान में लागू एसीपी की व्यवस्था के स्थान पर पूर्व व्यवस्था के अनुरूप 10 साल, 16 साल और 26 साल की सेवा पर प्रोन्नत वेतनमान दिया जाए
3.ऊर्जा निगम में पूर्व व्यवस्था 9, 14 और 19 वर्ष पर वेतन मैट्रिक्स के आधार पर एसीपी दी जाए
4.सभी शिक्षकों को पूरे सेवाकाल में 3 प्रोन्नति और तीन एसीपी का लाभ अनिवार्य किया जाए
5.प्रदेश में राज्य कर्मियों के पक्ष में जारी होने वाले शासनादेशों को एक समान रूप से सभी निगम, निकाय, संस्थान, प्राधिकरण में लागू किया जाए
6.शिथिलीकरण नियमावली 2010 को पूर्व की तरह लागू किया जाए
7.नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए
8.आयुष्मान योजना के तहत आने वाले सभी कार्मिकों को सरकारी चिकित्सालय से रेफर होने की अनिवार्यता की बाध्यता खत्म कर एक समान नीति को लागू किया जाए
9.चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अन्य वर्गों की तरह स्टाफिंग पैटर्न का लाभ देते हुए ग्रेड वेतन 4200 का लाभ दिया जाए
10.राजकीय वाहन चालकों को स्टाफिंग पैटर्न के प्रथम स्तर ग्रेड वेतन 2400 को नजरअंदाज कर 2800, 4200 और 4500 को मंजूर किया जाए
सरकार ने लाखों कर्मचारियों के एक दिन के अवकाश से सरकार को हिला के रख दिया आनन फानन में सरकार को कर्मचारी संघठन से वार्ता करनी पड़ी,सरकार की ओर से वित्त मंत्री को कर्मचारियों से बात करने को कहा गया जो सुबह से लगातार जारी है,इस सब के बावजूद लाखो कर्मचारी खराब मौसम के बावजूद भी धरना स्थल पर डटे हुए हैं
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देहरादून/संध्या सेमवाल