रूद्रप्रयाग: रूद्रप्रयाग में जिला प्रशासन और नगर पालिका द्वारा एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर आबादी के बीचों.बीचों बरसाती गदेरे में डम्पिंग जोन बनाया गया है. जो बारिश आने के बाद अब 10 से अधिक परिवारों के लिए मुशीबत का सबब बना हुआ है. ये डंपिंग जोन रूद्रप्रयाग गुलाबराय मैदान के पास बनाया गया है. रूद्रप्रयाग में हुई बारिश के कारण इस मलबे के ढेर में जबदस्त भू.धँसाव व भूस्खलन होने लगा जिस कारण इसके पास के मकान खतरे की जद में आ गए. जबकि इस डम्पिंग जोन के कारण बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी तालाब में बदल गया. लोगों का कहना है कि कई बार इसकी शिकायत की गई है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
2013 की आपदा तो आपको याद ही होगी उस महाविनाश के बाद तत्कालीन सरकार ने एक अध्यादेश भी लागू किया था कि नदी नालों और बरसाती गदेरों के दो सौ मीटर के दायरे में कोई भी निर्माण कार्य नहीं होगा. बावजूद रूद्रप्रयाग में सरकारी तंत्र ही प्रकृति के मार्ग में अवरोध पैदा कर रहा है.
उधर नगर पालिका के ईओ का कहना है कि लोगों की शिकायत पर इस डंम्पिंग जोन से लोगों को कितना खतरा है इसके लिए एक कमेठी का गठन किया गया है जो जांच कर रही है.बहरहाल डंपिंग जोन बन रहा है लेकिन लोगों को भी खतरा है. अब सवाल यह है यदि इस डम्पिंग जोन से भविष्य में इन परिवारों को कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी है.
(संवाद 365/ कुलदीप राणा)
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