पहली बार दक्षिण भारत में लगा उत्तराखंडी ‘मंडाण’… लोकगीतों पर झूमे लोग

November 18, 2019 | samvaad365

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में रविवार का दिन खास रहा. बेंगलुरु की धरती उत्तराखंड वाद्य यंत्रों, लोक गायकों और लोक धुन की गूंज से गुंजयमान हुई. पहाड़ के युवाओं ने उत्तराखंडी लोक सांस्कृति विरासत को दक्षिण भारत की सांस्कृति पटल में एक नयी पहचान दिलाई साथ ही इस कार्यक्रम में हंस फाउंडेशन की प्रेरणास्रोत समाजसेवी माता मंगला भी पहुंचीं.

उत्तराखंड महासंघ बेंगलुरू के तत्वावधान में आयोजित इस भव्य लोक सांस्कृति आयोजन का उद्धघाटन में माता मंगला एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और समाज सेवी संजय दरमोड़ा के करकमलों द्वारा हुआ. इस मंच को अपनी स्वर लहरियों से लोक संगीत के रंग में रंगा गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी, हेमा नेगी करासी, पूनम सति, बी के सामंत और पांडवाज ग्रुप के सदस्यों ने.

उत्तराखंड महासंघ को इस आयोजन के लिए शुभकामनाएं देते हुए माता मंगला ने कहा कि यह बहुत ही श्रेयकर है कि आज हम दक्षिण भारत की उस जमीन पर अपनी लोक संस्कृति के बारे में बात कर रहे है. जिस राज्य की संस्कृति हमारे सांस्कृति परिवेश से कहीं न कहीं किसी ने किसी रूप में मेल खाती है. माता मंगला ने कहा कि मैं उत्तराखंड महासंघ के उन सभी सदस्यों को इस बेहतर आयोजन के लिए बधाई देती हूं कि आपने बेंगलुरू के मंच पर पहाड़ की संस्कृति रीति-रिवाज और लोक परंपराओं को उकेरा है.

माताश्री मंगला ने उत्तराखंड महासंघ को इस आयोजन के लिए बधाई देते हुए. कार्यक्रम में उपस्थिति गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी, संजय दरमोड़ा, घन्नानंद, अनुज जोशी एवं देश-विदेश से पधारे उत्तराखंडी समाज के प्रबुद्धजनों का अभिवादन भी किया.

इस मौके पर नई पहल नई सोच के संस्थापक एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता संजय शर्मा दरमोड़ा ने बेंगलुरू में आयोजित इस सांस्कृति आयोजन के लिए उत्तराखंड महासंघ के पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं कि आज हमारे साथ इस मंच पर माता मंगला विराज मान है. साथ ही उन्होंने भी उत्तराखंड महासंघ को इस आयोजन के लिए बधाई दी.

बाबू राजेंद्र प्रसाद इंटरनेशनल सेंटर बेंगलुरु में आयोजित इस भव्य सांस्कृति कार्यमक्रम उत्तराखंडी मंडाण में लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, हेमा नेगी करासी, पूनम सति, बीके यसमंत और पांडवाज ग्रूप की रंगरंगा प्रस्तुतियों पर दर्शक खूब झूमे. कार्यक्रम के अंत में उत्तराखंड महासंघ से संस्थापक अनुज जोशी एवं पंडित जोशी और प्रदीप सुंदरियाल, विजय उप्रेती एवं सोहन सिंह रावत ने कार्यक्रम में अपनी भागीदारी देने के लिए सभी का आभार प्रकट किया.

(संवाद 365/ ब्यूरो)

 

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