अपने चिर परिचित अंदाज से चर्चाओं में रहने वाले और सुर्खियां बटोरने वाले बिहारी के डीजीपी आईपीएस गुप्तेश्वर पांडेय ने बिहार में विधानसभ चुनाव से ठीक पहले वीआरएस यानी कि स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले लिया है। गुप्तेश्वर पांडे के वीआरएस को प्रदेश सरकार की संस्तुति पर राज्यपाल ने भी मंजूरी दे दी है। अब ये लगभग लगभग तय माना जा रहा है कि गुप्तेश्वर पांडे बिहार में विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे और ये चुनाव वो जनता दल यूनायटेड के टिकट पर लड़ सकते हैं, यानी कि गुप्तेश्वर पांडे अब पुलिस के रॉबिनहुड अध्याय के बाद अपना राजनीतिक अध्याय शुरू करने जा रहे हैं। गुप्तेश्वर पांडे के वीआरएस लेने के बाद अब नागरिक सुरक्षा और अग्निशमन सेवा के डीजी संजीव कुमार सिंघल को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। दरअसल ये पहला मौका नहीं है जब उनके चुनाव लड़ने की खबरों के बीच उन्होंने वीआरएस लिया हो।
दरअसल 1987 बैच के आईपीएस अफसर पांडेय जनवरी 2019 में डीजीपी बने थे। बतौर डीजीपी उनका कार्यकाल 28 फरवरी, 2021 तक था। आईपीएस अधिकारी के तौर पर पांडेय ने करीब 33 साल की सेवा पूरी की है। लंबे समय से उनके वीआरएस की अटकलें चल रही थीं।
यह पहली बार नहीं जब सियासी पारी के लिए पांडेय ने आईपीएस की नौकरी छोड़ी है। इससे पूर्व 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने इस्तीफा दिया था। उस वक्त वो बीजेपी के टिकट पर बक्सर सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन टिकन न मिलने पर उन्होंने इस्तीफा वापस लेने की अर्जी दी जिसे नीतीश कुमार की सरकार ने मंजूर कर दिया था।
2009 में तो गुप्तेश्वर पांडे चुनाव नहीं लड़ पाए लेकिन इस बार उनका राजनीति में आना और चुनाव लड़ना लगभग लगभग तय माना जा रहा है।
(संवाद 365/डेस्क )
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