यहां बेची जा रही थी सस्ती दाल और चीनी… जब मामला खुला तो उड़ गए होश

September 15, 2019 | samvaad365

बाराबंकी: पूरे भारत मे दाल और चीनी के रेट आसमान छू रहे है. लेकिन बाराबंकी में दाल और चीनी बेहद सस्ते दामों पर बेची जा रही है. इतना ही नहीं बेचने वालों को नौ हजार रुपये प्रति माह भुगतान भी किया जाता है. और जब मामले की हकीकत लोगो के सामने आई तो सभी के होश उड़ गए क्योंकि मामला ठगी का निकला. सस्ती दाल और चीनी बेचने वाली संस्था पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है.

मामला बेहद दिलचस्प है, सस्ती दाल और चीनी बेचने की स्कीम का झांसा देकर संस्था ने पर्दे के पीछे करोड़ो की ठगी कर डाली. डालमिया की चीनी व सूर्यमुखी की ब्रांडेड दाल सस्ते दामों पर पाने के चाह में बाराबंकी के कई हजार युवाओं ने संस्था के पास एक एक लाख रुपये डिपाजिट करवाए. जब व्यापारियों ने विरोध करना शुरू किया तब जाकर मामला खुला.

व्यापारियों में आक्रोश है कि सरकार में 40 रुपये किलो चीनी व 80 रुपये किलो दाल का रेट तय कर रखा है. ऐसे में डालमिया कम्पनी की चीनी 30 रुपये प्रति किलो व  सूर्यमुखी कम्पनी की ब्रांडेड दाल 60 रुपये प्रति किलो में कैसे बेची जा सकती है. पुलिस ने जांच की तो पाया कि पर्दे के पीछे बाराबंकी के हर गांव में कोटेदार नियुक्त करने के लिए संस्था ने प्रति कोटेदार 1 लाख रुपये जमा करवा रखे है. फिलहाल इस मामले में पुलिस अब और कार्यवाही की बात कर रही है.

श्री दुर्गा बक्स सिंह वूमेन वेलफेयर सोसाइटी नाम की इस संस्था को न तो कोई सरकारी सहायता मिलती है और न ही कोई मदद. हर महीने तकरीबन 15 करोड़ रुपये का कैश लेनदेन होता है. भारतीय किसान यूनियन ने बाराबंकी के अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपे गए ज्ञापन में ये आरोप लगाया कि इस संस्था के पीछे ब्लैक मनी व हवाला का कारोबार है. यह संस्था अपने ही कोटेदारों से हर महीने 36 हजार रुपये लोगो से वसुलवाकर जमा करवाती है.

इसी पैसे में से उन्हें 9 हजार रुपये तनख्वाह दी जाती है. अकेले बाराबंकी में यह संस्था केवल हैदरगढ़ के कार्यालय पर डेढ़ करोड़ रुपये प्रति माह ख़र्च करती है. सब कुछ कैश में होता है. फिलहाल अपर पुलिस अधीक्षक ने पूरे मामले पर बताया की पुलिस जांच कर रही हैं जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही होगी.

(संवाद 365/ अंकित यादव)

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