गैंगरेप पीड़िता के हत्यारों को फांसी देने की मांग को लेकर उत्तराखंडी समाज ने निकाला कैंडल मार्च

December 12, 2019 | samvaad365

दिल्ली में उत्तराखंड की बेटी के हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर उत्तराखंडी समाज के तमाम सामाजिक संगठनों और लोगों ने उत्तराखंड एकता मंच की अगुवाई में सर्वोच्च न्यायालय संग्रहालय से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च निकाला। जिसमें बड़ी संख्या में दिल्ली-एनसीआर में काम कर रहे सामाजिक संगठन और लोग शामिल हुए और सभी ने एक स्वर में मांग की कि उत्तराखंड की पीड़ित बेटी के साथ जिन दरिंदों ने गैंगरेप किया और हैवानियत की सारी हदें पार की इन दरिंदों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाए।

कैंडल मार्च में पहुंचे  के माता-पिता ने नम् आंखों से कहा की हमें माननीय सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा हैं कि जिन दरिंदों ने हमारी बेटी के सपनों को कुचला। माननीय सुप्रीम कोर्ट उन दरिंदों को जल्द से जल्द फांसी की सजा देकर हमारी बेटी को न्याय देगा। पीड़िता के पिता ने कहा की हम पिछले आठ साल से अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ रहे है। हमारे साथ उत्तराखंड के लोग खड़े है। इसी उम्मीद में हम आज  उत्तराखंड के इन हजारों लोगों और सामाजिक संगठनों के साथ इन हजार मोमबत्तियों की रोशनी के साथ इस लिए चल रहे है कि हमारी बेटी,जिसकी रोशनी से हमारा घर जगमगा जाता था। उसके जाने के बाद हमारे घर संसार में अंधेरा है। लेकिन माननीय सुप्रीम कोर्ट हमारे जीवन में अंधेरा करने वाले इन दरिंदों को फांसी की सजा देकर। हमारे घर में एक बार फिर से रोशनी की किरन जगमगाएगा। हमें उम्मीद हैं कि जैसे निर्भाया के हत्यारों को फांसी की सजा की तैयारी चल रही है। ठीक वैसे ही,हमारी बेटी के हत्यारों को भी जल्द से जल्द फांसी के तख्त पर लटका दिया जाएगा।

कैंडल मार्च की अगुवाई कर रहे समाज सेवी विनोद बछेती ने इस मौके पर कहा की यह हम सब के लिए बहुत ही दुःखद घटना थी कि हमारे पहाड़ा की बेटी के साथ कुछ दरिंदों ने इस तरह की हैवानियत की और हमारी बेटी की हत्या कर दी। द्वारका कोर्ट ने इन दोषियों को फाँसी की सजा निर्धारित की है और फिर हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा है। अब यह मामल सुप्रीम कोर्ट चल रहा है।

बछेती ने कहा की आज इस कैंडल मार्च में इतनी संख्या में उत्तराखंड के लोग अपनी बेटी के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दिलाने के लिए एकजुट हुए है। हमें उम्मीद हैं कि माननीय सुप्रीम कोर्ट हमारी बेटी के हत्यारों को फांसी के सजा देकर पीड़िता के परिवार और उत्तराखंड जनमानस को न्याय देगा।

आपको बता दें कि दिल्ली में दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय संग्रहालय से इंडिया गेट तक अपनी बेटी के लिए न्याय मांगने के लिए पहली बार कैंडल मार्च निकाला गया। जिसमें उत्तराखंड समाज के तमाम सामाजिक संगठन और लोगों एकत्र हुए। जिन्होंने एक आवाज़ में मांग की कि उत्तराखंड की बेटी के हत्यारों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाए।

आपको बता दें कि उत्तराखंड की पीड़िता 9 फरवरी 2012 को गुडगाँव स्थित कम्पनी से काम करके अपनी तीन सहेलियों के साथ रात करीब 8:30 बजे नजफगढ़ स्थित छाँवला कला कालोनी पहुंची थी कि तभी कार में सवार तीन वहसी दरिंदों ने तीनो लड़कियों से बदतमीजी करनी शुरू कर दी। जैसे ही तीनों लड़कियां वहां से भागने लगी उसी दौरान तीनों दरिंदों ने एक दरिंदा को जबरन कार में बिठाकर उसका अपहरण कर ले गए,और उसका सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसकी आँखों, कानों में तेज़ाब डालकर हैवानियत की सारी हदें पार कर उसकी लाश को हरियाणा के खेतों में फेंक कर चले गए। उसकी सहेलियों ने पीड़िता के अपहरण की खबर पुलिस व उसके घरवालों को दी। लेकिन पुलिस ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की,जिसके बाद उत्तराखंड समाज के लोगों ने सड़कों पर निकलकर इस घटना का जबरदस्त विरोध किया। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और 14 फरवरी को पीड़िता की लाश पुलिस को हरियाणा के खेतों से मिली। और पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। जिसके बाद द्वारका कोर्ट ने दोषियों को फाँसी की सजा निर्धारित की और फिर हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा। अब 8 साल बाद सुप्रीम कोर्ट में इन आरोपियों की सजा पर अंतिम सुनवाई चल रही है।

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संवाद365/जगमोहन आज़ाद

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