सूरत के झींगा फैक्ट्री में करवाई जा रही थी मजदूरी, झारखंड की 6 नाबालिग लड़कियों के साथ 30 महिलाओं को छुड़ाया

September 6, 2020 | samvaad365

सूरत: ह्यूमन ट्रैफिकिंग का पर्दाफाश सूरत और नवसारी पुलिस की संयुक्त कार्यवाही में किया गया है। इस कार्यवाही में सूरत जिले के माखीन गांव की एक झींगा फैक्ट्री से मूल झारखंड की 6 नाबालिग लड़कियों सहित 30 महिलाओं को छुड़वाया गया। जांच में पता चला है कि महिलाओं को सिलाई सिखाने के नाम पर बुलाया गया और उसके बाद इनसे फैक्ट्री में मजदूरी करवाई जा रही थी।
मंजूबेन नाम की एक महिला ने इन्हे यहाँ लाया था। पुलिस से मिनी जानकारी के अनुसार, एक महीने पहले मंजूबेन नाम की एक महिला इन महिलाओं को सिलाई सिखाने के नाम पर झारखंड से यहां लाई थी। यहां लाते ही सभी को झींगा फैक्ट्री में पंहुचा दिया गया, जहां इनसे फैक्ट्री के सभी काम करवाए जा रहे थे। फिलहाल पुलिस महिलाओं से पूछताछ कर रही है और इन्हें यहां लाने वाली महिला मंजूबेन को भी अरेस्ट कर लिया गया है।

नवसारी पुलिस को सूचना मिली थी कि माखीन गांव की एक झींगा फैक्ट्री में झारखंड की महिलाओं और नाबालिक से काम करवाया जा रहा, जिसमें बच्चियां भी शामिल हैं। इसके बाद नवसारी की पुलिस ने सूरत की पुलिस से संपर्क कर फैक्ट्री में छापेमारी की और इन महिलाओं को मुक्त करवाया। सभी को सूरत नारी स्वरक्षण गृह में भेज दिया गया है। पुलिस ने फैक्ट्री एंटी ह्युमन ट्रैफिकिंग एक्ट के तहत मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

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संवाद365/कोमल राजपूत

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