क्या है मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना 2022

April 30, 2022 | samvaad365

सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में देश के किसानो को लाभ पहुंचाने के लिए शुरू की गयी है | इस योजना के अंतर्गत देश के किसानो की जमीन की मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन करके एक अच्छी फ़सल प्राप्त करने में सहायता दी जाएगी | इस Soil Health Card Scheme के तहत किसानों को एक हेल्थ कार्ड दिया जायेगा, जिसमें किसानों के जमीन की मिट्टी किस प्रकार की है इसकी जानकारी (Farmers will be informed about the soil type of the land ) दी जाएगी और किसान अपनी जमीन की मिटटी की गुणवत्ता के आधार पर अच्छी फसल की खेती कर सके |

मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना 2022

केंद्र सरकार Soil Health Card प्रत्येक 3 साल में किसानों को प्रदान किया जाएगा। कार्ड किसानों को उनके खेतों की गुणवत्ता के अनुरूप प्रदान किया जाएगा जो कि 3 साल के लिए 1 बार होगा। इस स्कीम के अनुसार सरकार का 3 साल के अंदर ही पूरे भारत में लगभग 14 करोड़ किसानों को यह कार्ड जारी (The objective is to issue this card to about 14 crore farmers in India.) करने का उद्देश्य है | इस मृदा हेल्थ कार्ड में खेतों के लिए पोषण/ उर्वरकों के बारे में बताया जाएगा | सॉइल हेल्थ कार्ड एक रिपोर्ट कार्ड है जिसमे मिट्टी के गुण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी |

 

Soil Health Card Scheme 2022 का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के किसानो को उनकी ज़मीन की अध्य्यन करके मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान करना | जिससे किसान ज्यादा से ज्यादा खेती कर सके | किसानों को उनके खेतों की मिट्टी के स्वास्थ्य के अनुसार फसल लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है | Soil Health Card Scheme 2022 के ज़रिये मिट्टी की गुणवत्ता अनुसार फसल लगाने से फसल की उत्पादक क्षमता बढ़ेगी जिससे कि किसानों की आय भी बढ़ेगी और खाद के उपयोग से मिट्टी के आधार और संतुलन को बढ़ावा देना है जिससे किसानों को कम कीमत में अधिक पैदावर मिल सके. |

सॉइल हेल्थ कार्ड में उपलब्ध जानकारी
• सॉइल फर्टिलिटी से संबंधित जानकारी
• फसलों में उर्वरकों के प्रयोग की मात्रा से संबंधित जानकारी
• सलाइन या अल्कलाइन सॉइल से संबंधित जानकारी
• एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन पर सिफारिश

सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम के कॉम्पोनेंट

सॉइल हेल्थ कार्ड – सोयल हेल्थ कार्ड मिट्टी की उर्वरता की स्थिति और फसल उत्पादक को प्रभावित करने वाले अन्य महत्वपूर्ण मृदा मापदंडों की क्षेत्र विशिष्ट विस्तृत रिपोर्ट है। इस कार्ड के माध्यम से सॉइल से संबंधित सभी जानकारी किसान को प्रदान की जाती है। जिससे कि किसान खेती कर सकें। यह कार्ड प्रत्येक 3 वर्षों में किसानों को प्रदान किया जाएगा। जिससे कि किसान गुणवत्तापूर्ण खेती कर सकें। किसानों को कीटनाशक के प्रयोग से संबंधित जानकारी भी प्रदान की जाएगी। जिससे कि कीटनाशक के प्रयोग का बेहतर प्रबंधन किया जा सके। इस योजना के माध्यम से सॉइल की अनियमित चेकिंग भी की जाएगी। यह चेकिंग बाहरी एजेंसी के माध्यम से की जाएगी।

मृदा विश्लेषण के लिए प्रशिक्षण – SAUs/ICARसंस्थानों के माध्यम से 20 प्रतिभागियों की बैच में मृदा केमिस्ट छात्र एवं जेआरएफ को मृदा विश्लेषण और उर्वरक सिफारिशों के लिए 1 सप्ताह का व्यावहारिक अभिविन्यास प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। जिससे कि इस योजना का सफलतापूर्वक कार्यान्वयन किया जाए। इस प्रशिक्षण के माध्यम से सॉइल केमिस्ट छात्रों को मृदा से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी।

पोषक तत्वों के लिए वित्तीय सहायता – केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और अन्य कृषि महाविद्यालयों के अंतर्गत विशेषज्ञों द्वारा किसानों के लिए मिट्टी से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को पोषक तत्व से संबंधित जानकारी प्रदान की जाएगी। जिससे कि वह गुणवत्तापूर्ण खेती कर सकें। वह सभी किसान जो इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रुचि रखते हैं उनको आवेदन करना होगा।

क्षमता निर्माण एवं नियमित निगरानी और मूल्यांकन – राज्यों द्वारा SAU/ICAR संस्थानों के साथ तकनीकी एवं लाइन स्टाफ के लिए ओरियंटेशन आयोजित किया जाएगा। संतुलित पोषण आहार अभ्यास के कार्यान्वयन को सुगम बनाने के लिए लक्षित जिलों में समन्वय समितियों का गठन किया जाएगा। इसके अलावा पोषक तत्व के लिए वित्तीय सहायता के लिए चिन्हित किसानों को पंजीकृत किया जाएगा।

मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड योजना 2022 मुख्य तथ्य

• इस योजना के अंतर्गत देश के किसानो की खेतों की मिट्टी जांच करके मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान करना है।
• सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम 2022 का लाभ देश एक 14 करोड़ किसानो को सरकार द्वारा प्रदान किया जायेगा |
• किसानों को उनके खेतों के अनुसार फसल लगाने का सुझाव दिया जाएगा |
• इस कार्ड के तहत किसानों को एक रिपोर्ट दी जाएगी, एवं इस रिपोर्ट में उनकी जमीन की मिट्टी की पूरी जानकारी होगी |
• मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड 2022 के तहत किसानो को एक खेत के लिए हर 3 साल में एक मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जायेगा |
• भारत सरकार ने इस योजना के तहत 568 करोड़ रूपये का बजट तय किया गया है |
• देश के सभी किसान इस योजना का लाभ उठा सकते है |
• केंद्र सरकार द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण के पहले चरण (वर्ष 2015 से 2017) में 10.74 करोड़ कार्ड और दुसरे चरण (वर्ष 2017-2019) में 11.69 करोड़ कार्ड वितरित किये गए हैं।
• इन कार्डों की सहायता से किसान अपने खेतों की मृदा के बेहतर स्वास्थ्य और उर्वरता में सुधार के लिये पोषक तत्त्वों का उचित मात्रा में उपयोग करने के साथ ही मृदा की पोषक स्थिति की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।

सोयल हेल्थ कार्ड स्कीम के लाभ तथा विशेषताएं

• Soil Health Card को केंद्र सरकार द्वारा आरंभ किया गया है।
• इस योजना के माध्यम से किसान अपने खेत की मिट्टी की उपज बढ़ा सकते हैं।
• मुद्रा स्वास्थ्य कार्ड योजना के नाम से भी इस योजना को जाना जाता है।
• इस योजना के अंतर्गत एक कार्ड प्रदान किया जाता है जिसके माध्यम से किसान अपने खेत की जमीन की मिट्टी का प्रकार जान सकता है।
• यदि किसानों को अपने खेत की मिट्टी का प्रकार पता होगा तो उन्हें मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार फसल लगाने में आसानी होगी और अच्छी खेती की जा सकेगी एवं ज्यादा मुनाफा प्राप्त किया जा सकेगा।
• किसानों को उनके खेत की मिट्टी से संबंधित सभी जानकारी मुद्रा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
• सन 2015 में इस योजना को आरंभ किया गया था।
• इस योजना को किसानों की आय में वृद्धि करने एवं खाद के उपयोग से मिट्टी के आधार और संतुलन को बढ़ाने के उद्देश्य से आरंभ किया गया था।
• कम कीमत में फसल की अधिक पैदावार भी इस योजना के माध्यम से सुनिश्चित की जा सकेगी।
• इस योजना के अंतर्गत जो सॉइल हेल्थ कार्ड किसानों को प्रदान किया जाएगा उसमें किसानों को अपने खेत के अनुसार फसल लगाने के सुझाव भी प्रदान किए जाएंगे।
• इस कार्ड के माध्यम से किसानों को यह भी जानकारी प्रदान की जाती है कि मिट्टी के अंदर कितनी मात्रा में क्या चीज है एवं किस फसल के लिए कितनी खाद और कौन सी खाद का उपयोग किया जाए।
• सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के माध्यम से किसानों के उत्पाद में भी बढ़ोतरी होगी।

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सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम 2022 कैसे काम करता है ?

• सर्वप्रथम अधिकारी आपके खेत की मिट्टी के सेम्पल को इकठ्ठा करेंगे |
• इसके बाद मिट्टी को परीक्षण के लिए लेबोरेटरी में भेजा जायेगा |
• वहां विशेषज्ञ मिटटी की जाँच करते हैं और मिटटी के बारे में सभी जानकारियाँ प्राप्त करते हैं।
• इसके बाद वे विभिन्न मिट्टी के सैंपल की ताकत और कमजोरी की सूची बनायेंगे.
• यदि मिट्टी में कुछ कमी है तो उसके सुधार के लिए सुझाव देंगे और उसकी एक सूची बनायेंगे |
• उसके बाद इस रिपोर्ट को एक-एक करके किसान के नाम के साथ ऑनलाइन अपलोड किया जाता है |
• जिससे की किसान अपने मिटटी का रिपोर्ट जल्द से जल्द देख सके और उनके मोबाइल पर भी इसकी जानकारी दी जाती है।

मृदा हेल्थ कार्ड पर उपस्थित जानकारी
• मिट्टी की सेहत
• खेत की उत्पादक क्षमता
• पोषक तत्व की मौजूदगी एवं पोषक तत्व की कमी
• पानी की मात्रा यानी नमी
• अन्य उपस्थित पोषक तत्व
• खेतों की गुणवत्ता सुधारने हेतु उचित दिशनिर्देश।

संवाद 365, ज्योत्सना थपलियाल

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