भारत को आर्थिक रूप से मजबूत करने वाले डाॅ. मनमोहन सिंह का 88वां जन्मदिन

September 26, 2020 | samvaad365

डाॅ. मनमोहन सिंह वो नाम जिसको लेकर विवाद भी रहे और जिसने शालीनता के साथ कई बड़े बड़े काम भी किये। भारत के चौदहवें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज जन्मदिन है। डाॅ. मनमोहन सिंह एक विचारक और विद्वान के रूप में प्रसिद्ध हैं। डाॅ. मनमोहन सिंह की पहचान उनके कामों के अलावा एम नम्र और कर्मठ व्यक्ति के रूप में भी है।

पूर्व प्रधानमंत्री डाॅ मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितम्बर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रान्त के एक गाँव में हुआ था। मनमोहन सिंह ने 1948 में पंजाब से मेट्रिक की शिक्षा पूरी की। उसके बाद उन्होंने अपनी आगे की शिक्षा ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त की। 1957 में उन्होंने अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी से ऑनर्स की डिग्री अर्जित की। इसके बाद 1962 में उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के नूफिल्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी फिल किया। उन्होंने अपनी पुस्तक भारत में निर्यात और आत्मनिर्भरता और विकास की संभावनाएं में भारत में निर्यात आधारित व्यापार नीति की आलोचना की थी।

पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में डॉ सिंह ने शिक्षक के रूप में कार्य किया जो उनकी अकादमिक श्रेष्ठता दिखाता है। इसी बीच में कुछ वर्षों के लिए उन्होंने यूएनसीटीएडी सचिवालय के लिए भी कार्य किया। इसी के आधार पर उन्हें 1987 और 1990 में जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में नियुक्ति किया गया।

1971 में डॉ सिंह वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए। 1972 में उनकी नियुक्ति वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में हुई।

वित्त मंत्रालय के सचिव

योजना आयोग के उपाध्यक्ष

भारतीय रिजर्व बैंक के अध्यक्ष

प्रधानमंत्री के सलाहकार

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष

डॉ मनमोहन सिंह ने 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया जो स्वतंत्र भारत के आर्थिक इतिहास में एक निर्णायक समय था। आर्थिक सुधारों के लिए व्यापक नीति के निर्धारण में उनकी भूमिका को सभी ने सराहा है।

डाॅ. मनमोहन सिंह के नाम कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार हैं। अपने राजनीतिक जीवन में डॉ सिंह 1991 से भारतीय संसद के उच्च सदन राज्य सभा के सदस्य रहे जहाँ वे 1998 से 2004 तक विपक्ष के नेता थे। डॉ मनमोहन सिंह ने 2004 के आम चुनाव के बाद 22 मई 2004 को प्रधानमंत्री के रूप के शपथ ली और 22 मई 2009 को दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। मनमोहन सिंह पहली बार जब 22 मई 2004 को प्रधानमंत्री बने तो उसके कुछ दिन पहले तक किसी को अनुमान तक नहीं था कि वो पीएम बनने जा रहे हैं। डाॅ. मनमोहन सिंह ने बतौर आरबीआई गर्वनर, योजना आयोग के अध्यक्ष और सलाहकार के साथ ही प्रधानमंत्री रहते देश के आर्थिक क्षेत्र के लिए कई नीतियां बनाई जिनका नतीजा ये रहा कि देश आर्थिक रूप से मजबूत हुआ इसीलिए डाॅ मनमोहन सिंह को देश की आर्थिक तरक्की में हमेशा याद किया जाता है।

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संवाद365/डेस्क

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