हरिद्वार में थाने के बाहर कसरत करते हरीश रावत को देखना निराश करने जैसा था

October 22, 2022 | samvaad365

हरिद्वार के बहादराबाद थाना के बाहर कसरत करते ये हैं 74 साल के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत. रात भर ठंड में थाने के बाहर धरने पर बैठे हरीश रावत सुबह उठे तो कसरत करने लगे. उम्र के इस पढ़ाव पर स्वस्थ रहने के लिए हरदा शायद घर पर रोजाना कसरत करते हों . लेकिन रात भर खुले आसमान के नीचे लेटे रहे बुजुर्ग हरीश रावत सत्ता में बैठे सत्ताधीशों को शायद ये दिखाने की कोशिश भी कर रहे हों की मैं बूढ़ा नहीं हुआ हूं. अपने कार्य़कर्ताओं के हक के लिए डटा रहूंगा, लड़ता रहूंगा.

उत्तराखंड की राजनीति में आपने बहुत से रंग देखे होंगे. आपने हरीश रावत को भी इतने सालों में कई रंगों में देखा होगा. कभी सिर पर सिलेंडर ढोते, कभी आम पार्टी कराते हुए, कभी लाठी के सहारे दूर सुदूर इलाकों में जाते हुए. तो कभी शांति पूर्वक मौन साधना धारण करते हुए. लेकिन यकीन मानिए 74 साल के बुजुर्ग हरीश रावत को रात भर ठंड में सोता देख और इस तरह कसरत करता देख बिलकुल भी अच्छा नहीं लगा.

हरीश रावत हरिद्वार के त्रिस्तरीय़ पंचायच चुनाव के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हुए मुकदमें के विरोध में धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है की वो उम्र के इस पढ़ाव में राजनीति से दूर रहकर वो किताब लिखते हुए अपने जीवन के अनिुभवों को कलमबद्ध करना चाहते हैं. लेकिन स्तिथि इस तरह की कर दी गई है की चाहे उनकी जान तक चली जाए वो कार्यकर्ताओं के साथ खड़े रहेंगे औऱ लड़ेंगे.

हरिद्वार त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में धांधली का आरोप लगाने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर बीजेपी सरकार द्वारा मुकदमें दर्ज किए गए हैं. हरीश रावत के आरोप हैं की सरकार के दबाव में आकर पुलिस-प्रशासन ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धमकाया। इससे डरकर कोई भी कांग्रेस का ब्लाक प्रमुख या जिला पंचायत प्रत्याशी बनने को तैयार नहीं हुआ. उन्होंने कहा की सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है औऱ हरिद्वार में लोकतंत्र को बचाने के लिए उनकी ये लड़ाई बहुत ही जरूरी है.

शाशन, प्रशासन और 74 साले के बुजुर्ग हरीश रावत के बीच की ये लड़ाई कई मायनों में राजनीतिक जरूर हो सकती है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री को उम्र के इस पढ़ाव में इस तरह निराश, नाराज और संघर्ष करता देख, सवाल बीजेपी सरकार से ये होने ही चाहिए की क्या सत्ता की इस लड़ाई में नैतिकता की कोई जगह बची है. क्या मौजूदा राजनीति में प्रदेश के सबसे ऊंचे कद के नेता का कोई महत्व नहीं बचा है.

(संवाद 365, विकेश शाह)

यह भी पढ़ें :  Dehradun : पत्नी ने पति पर लगाया अश्लील फोटो वायरल करने का आरोप, केस करवाया दर्ज

82405

You may also like