देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को कोरोना संकट से उभारने के लिए 20 लाख करोड़ के विशेष आर्थिक पैकेजका ऐलान किया था यह पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए है। इसपर देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमणविस्तृत रूप से जानकारियां दे रही हैं। पहले दिन वित्त मंत्री ने करीब 6 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। इसमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए विशेष प्रावधान किए गए।
आर्थिक पैकेज की बड़ी बातें
एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रूपए का बिना गारंटी का कर्ज मिलेगा
45 लाख कंपनियों को गारंटी मुक्त कर्ज से सीधा फायदा होगा।
20 हजार करोड़ रूपए कर्ज में फंसे छोटे उद्योगों के लिए होगा।
50 हजार करोड़ का पूंजी प्रवाह बढ़ाया जाएगा ।
सरकार जून से अगस्त तक कंपनी कर्मचारियों का पीएफ वहन करेगी।
बिजली कंपनियों के लिए 90 हजार करोड़ का बेलआउट पैकेज डिस्काॅम को।
आयकर रिटर्न भरने की अवधि को 31 जुलाई की जगह 31 अगस्त कर दिया गया है। कंपनियों के लिए यह 31 अक्टूबर होगी।
गैर बैंकिंग फइनेंस कंपनी के लिए 30 हजार करोड़ की लिक्विडिटी।
रियल स्टेट को परियोजना पूरी करने के लिए 6 महीने की मोहलत दी गई है।
टीडीएस और टीसीएस की दरों में 25 फीसदी की कटौती।
बदल दी एमएसएमई की परिभाषा
वित्त मंत्री ने बताया कि एमएसएमई कौन होंगे इसपर काफी समय से थोड़ा कंफ्यूजन भी था। इसके लिए अब नए मापदंड तय हुए हैं जिनमें, सूक्ष्म उद्योग- 1 करोड़ के निवेश और उससे 5 करोड़ के टर्न ओवर वाले उद्योग सूक्ष्म उद्योगों की श्रेणी में आएंगे। लघु उद्योग- 10 करोड़ के निवेश और उससे 50 करोड़ टर्न ओवर वाले उद्योग लघु उद्योग की श्रेणी में आएंगे। मध्यम उद्योग- 20 करोड़ का निवेश और 100 करोड़ के टर्न ओवर
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संवाद365/डेस्क