उत्तराखंड के ये पूर्व मंत्री अपने आवास पर पढ़ाएंगें गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी भाषा

January 1, 2019 | samvaad365

उत्तराखंड में पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने अपने आवास पर बच्चों को गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी भाषा पढ़ाने का कार्यक्रम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि वह रोजाना शाम को 4 से 5 बजे तक अपने आवास पर गढ़वाली और कुमाऊंनी बोली पढ़ाई जाएगी। दून मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. एमके पंत कुमाऊंनी और कारोबारी विनोद चौहान जौनसारी पढ़ाएंगे।

मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने प्रदेश की स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी भाषा को जोड़ने की पहल की थी। हालांकि आचार संहिता लगने के कारण वह इस अभियान को आगे नहीं बढ़ा पाए। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल से वह सोच रहे थे कि सरकार इस दिशा में कोई पहल करेगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जिसके कारण उन्हें खुद गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी भाषा को संरक्षण देने के लिए आगे आना पड़ा।

उन्होंने कहा कि संविधान की आठवीं अनुसूची में गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी बोली को शामिल कराने के लिए प्रदेश स्तर पर इस तरह की कक्षाओं के आयोजन की योजना बना रहे हैं।

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देहरादून/संध्या सेमवाल

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